भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, अब प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में MBBS की पढ़ाई हिंदी में भी होगी। सरकार ने इसकी तैयारी शुरू कर दी हैं, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishvas Sarang) का कहना है कि सरकार (MP Government) का प्रयास है कि नए सत्र से ये व्यवस्था लागू हो जाये। उन्होंने ये भी स्पष्ट किया है कि पाठ्यक्रम में बदलाव किये बिना और अंग्रेजी को हटाए बिना ये व्यवस्था लागू होगी।
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि राष्ट्रभाषा हिंदी को बढ़ावा देने किये सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) चाहते हैं कि अब MBBS की पढ़ाई भी हिंदी में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और बहुत सारे स्तर से लगातार इस बात की मांग उठ रही थी कि हिंदी में भी MBBS का पाठ्यक्रम होना चाहिये।
मंत्री सारंग ने विशेषज्ञों के साथ की चर्चा
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग में मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद MBBS पाठ्यक्रम में हिंदी भाषा के उपयोग को बढ़ावा देने एवं MBBS के प्रथम वर्ष के विषयों के लिए हिंदी में सप्लिमेंट्री पुस्तकों को तैयार करने के लिये विषय विशेषज्ञों के साथ चर्चा की। मंत्री श्री सारंग द्वारा अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति एवं रजिस्ट्रार तथा एम्स भोपाल एवं गांधी चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सकों के साथ आयुक्त चिकित्सा शिक्षा की उपस्थिति में 28 जनवरी को मंथन किया।
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चर्चा में दो चरण निर्धारित
बैठक में निश्चय किया गया है कि MBBS के स्टूडेंट्स को पढ़ाते समय मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर्स हिंदी भाषा का अधिक प्रयोग करें। प्रथम वर्ष के चिकित्सा छात्रों का एक स्टडी तैयार कर आकलन किया जाएगा। पहले हिंदी पृष्ठभूमि से आए छात्रों का अंग्रेजी माध्यम से 02 माह पढ़ाई एवं 02 माह हिंदी भाषा के उपयोग से उनके पठन-पाठन का आकलन भी किया जाएगा। ये सभी काम पहले चरण में होंगे। दूसरे चरण में MBBS प्रथम वर्ष के 03 विषयों (एनाटॉमी, फिजियोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री) की हिंदी भाषा में पूरक संदर्भ पुस्तकों को तैयार किया जाएगा।
इस कार्ययोजना को पूरा करने के लिए 03 समिति तैयार करने का निर्णय लिया गया है। MBBS पाठ्यक्रम में हिंदी के उपयोग एवं हिंदी में पूरक संदर्भ पुस्तकों तैयार करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने हेतु समिति का गठन किया गया है। इस कार्य योजना को मूर्त रूप देने हेतु अटल बिहारी हिंदी विश्वविद्यालय का मार्गदर्शन प्राप्त किया जाएगा जिससे कि इस प्रकल्प का क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके।
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एमबीबीएस प्रथम वर्ष के विषय एनाटॉमी फिजियोलॉजी एवं बायोकेमिस्ट्री की हिंदी में पूरक संदर्भ पुस्तके तैयार करने हेतु उपसमिति का गठन किया गया है। उपसमिति द्वारा हिंदी में तैयार किये गए विषय को पुनः सूक्ष्म रूप से परिष्कृत करने के एक सत्यापन उपसमिति को भी गठित किया गया है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का यही मंतव्य है कि MBBS की पढ़ाई अब हिंदी में भी हो सके। हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है और बहुत सारे स्तर से लगातार इस बात की मांग उठ रही थी कि हिंदी में भी MBBS का पाठ्यक्रम होना चाहिये।
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उन्होंने कहा कि विश्व की स्टडी भी यह कहती है कि किसी भी तरह की पढ़ाई यदि मातृ भाषा में होगी तो उसके परिणाम और अधिक सुखद होंगे। इसलिये हमने भी यह निश्चय किया है कि पाठ्यक्रम में बिना किसी बदलाव के हिंदी में भी पाठ्यक्रम आ सके इसकी हमने तैयारी कर ली है।
विश्व की स्टडी भी यह कहती है कि किसी भी तरह की पढ़ाई यदि मातृ भाषा में होगी तो उसके परिणाम और अधिक सुखद होंगे।
इसलिये हमने भी यह निश्चय किया है कि पाठ्यक्रम में बिना किसी बदलाव के हिंदी में भी पाठ्यक्रम आ सके इसकी हमने तैयारी कर ली है।— विश्वास कैलाश सारंग (मोदी का परिवार) (@VishvasSarang) January 29, 2022