MP News : प्रदेश में रोजगार को लेकर कमलनाथ का तंज, बोले- भाजपा सरकार मिशन बेरोज़गारी पर काम कर रही है

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा - एक तरफ़ प्रदेश की सरकार कर्ज़ पर कर्ज़ लिए जा रही है और दूसरी तरफ़ बेरोज़गारी का मर्ज़ बढ़ता चला जा रहा है। कर्ज़ की यह रक़म अगर बेरोजगारों को नौकरी देने में उपयोग नहीं की जा रही है तो आख़िर यह कर्ज़ किसके लिए लिया जा रहा है?

Atul Saxena
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Kamal Nath

MP News : बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है, विपक्ष लगातार इसे लेकर सवाल करता है और सरकार रोजगार के अवसर बढ़ाने के आंकड़े बताकर अपना पक्ष रखती है, लेकिन विधानसभा में सवाल जवाब के दौरान सामने आई जानकारी के बाद कांग्रेस को एक बार फिर सरकार पर हमलावर होने का मौका मिल गया है।

रोजगार को लेकर विधानसभा में सामने आई जानकारी 

कल विधानसभा में महंगाई, बेरोजगारी, नर्सिंग घोटाले सहित कई मुद्दों पर हंगामा हुआ, विपक्ष ने इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरा, रोजगार के सवाल पर विधानसभा में जो जानकारी दी उसमें सामने आया कि प्रदेश में लाखों इंजीनियर्स और हजारों डॉक्टर्स बेरोजगार हैं, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अब इस मुद्दे पर सरकार पर तंज कसा है।

प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 19,00,000 से अधिक 

कमलनाथ ने X पर लिखा –  लगता है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार मिशन बेरोज़गारी पर काम कर रही है। सरकार ने क़सम खाई है कि योग्य से योग्य व्यक्ति को बेरोज़गार रखना उसकी पहली प्राथमिकता है। इस मिशन की सफलता को इस बात से समझा जा सकता है कि प्रदेश में 1 लाख से अधिक इंजीनियर, 3600 से अधिक MBBS डॉक्टर और 3400 से अधिक BDS डॉक्टर रजिस्टर्ड बेरोज़गार हैं। यही नहीं, पूरे प्रदेश में पंजीकृत बेरोजगारों की संख्या 19,00,000 से अधिक है।

एक तरफ क़र्ज़, दूसरी तरफ बेरोजगारी का मर्ज़ 

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा – एक तरफ़ प्रदेश की सरकार कर्ज़ पर कर्ज़ लिए जा रही है और दूसरी तरफ़ बेरोज़गारी का मर्ज़ बढ़ता चला जा रहा है। कर्ज़ की यह रक़म अगर बेरोजगारों को नौकरी देने में उपयोग नहीं की जा रही है तो आख़िर यह कर्ज़ किसके लिए लिया जा रहा है? मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करता हूँ कि इवेंटबाज़ी छोड़कर बेरोज़गारी दूर करने की तरफ़ ध्यान दें।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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