Digvijay Singh wrote a letter to CM Shivraj : मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इसमें उन्होने बुधनी विधानसभा क्षेत्र सहित सीहोर जिले में जिन लोगों को शासकीय पट्टे पर कब्जा नहीं मिला है, उन्हें कब्जा दिलाने की बात कही है। उन्होने कहा कि ऐसे कई लोग है जिनके पट्टे की जमीनों पर राजस्व अमले ने कब्जा नहीं दिया है, सीएम उनकी मदद करें और कब्जा दिलाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देश दे।
दिग्विजय सिंह का पत्र
“प्रिय शिवराज सिंह चौहान जी, आपके गृह जिले सीहोर का गत दिवस दौरा कर जन सामान्य से मुलाकात की थी। भैरुंदा (नसरुल्लागंज) तहसील के ग्राम चकल्दी में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के अनेक किसानों ने 20 वर्ष पूर्व प्रदान पट्टे की जमींनों का कब्जा अभी तक नहीं मिलने की शिकायत की है। ये सब बुधनी विधानसभा क्षेत्र के मामले है, जहाँ से आप 1990 से लगातार सांसद, विधायक के साथ-साथ विगत 17 वर्षो से प्रदेश के मुख्यमंत्री भी हैं। आपको विदित होगा कि 1993 से 2003 के बीच अवधि में कांग्रेस सरकार के दौरान प्रदेश के भूमिहीन लोगों को शासकीय जमीनों के पट्टे दिये गये थे। ताकि भूमिहीन किसान भूमि मालिक बन सके और अपनी जमींन पर खेती कर सम्मान से जीवन यापन कर सकें। उस दौरान प्रदेश में हजारों लोगों को शासकीय जमीनो के पट्टे प्रदान किये गये थे। आज किसान उन्हें मिली जमीनों पर खेती कर रहे है।”
आपके विधानसभा क्षेत्र बुधनी सहित सीहोर जिले की सभी तहसीलों में ऐसे अनेक मामले आज तक लंबित हैं। जिन्हें पट्टे की जमींनों पर राजस्व अमले ने कब्जा नहीं दिलाया है। विगत 20 साल से ये भूमिहीन गरीब लोग प्रशासन से न्याय की उम्मीद में लगातार गुहार लगा रहे है। पीड़ित भूमिहीन कृषि मजदूरों का कहना है कि उन्हें राजनैतिक बदले की भावना से प्रताड़ित किया जा रहा है चूंकि उन्हें कांग्रेस सरकार में पट्टे मिले थे, इसलिए भाजापा सरकार में उन्हें बीस सालों से कब्जा नहीं मिल रहा है। इसी तरह के अनेक प्रकरणों में से एक प्रकरण मैं आपकी ओर प्रेषित कर रहा हूॅ, जिसमें श्री अमर सिंह एवं अन्य ग्रामवासी, निवासी ग्राम चकल्दी, तहसील रेहटी जिला सीहोर, मध्यप्रदेश का आवेदन पत्र मूलतः संलग्न है। आवेदकों द्वारा अवगत कराया गया कि आवेदकों को शासन द्वारा वर्ष 2000-2002 के बीच पटवारी हल्का नं. 26, राजस्व निरीक्षक मंडल 03, तहसील रेहटी जिला सीहोर में भरण पोषण हेतु कृषि भूमि 36 किसान परिवारों को आवंटित की गई थी। लेकिन उक्त जमींन के अभी तक कब्जे नहीं दिये गये है। आवेदकों द्वारा उक्त भूमि के पट्टे प्रदान कर भूमि पर कब्जा दिलाये जाने का निवेदन किया है।”
“अतः मेरा आपसे अनुरोध है कि अनुसूचित जाति और जनजाति के गरीब और भूमिहीन कृषि मजदूरों के प्रति प्रशासन द्वारा संवेदनशीलता बरती जानी चाहिए। मैं उम्मीद करता हूंकि आपके विधानसभा क्षेत्र बुधनी में प्रशासनिक प्रताडना और राजनैतिक विद्वेष के शिकार गरीब परिवारों को पट्टे की जमींनों के कब्जे दिलाये जाने हेतु संबंधित को समुचित निर्देश प्रदान करने का कष्ट करें।”