भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के छात्रों (MP School Student) के लिए अच्छी खबर है। अब कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थी उच्च शिक्षण के लिए महाविद्यालयों (College) का मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे।इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी जिला सीधी ने प्राचार्यो को पत्र जारी किया है, वही शहडोल अपर कलेक्टर ने निर्देश दिए है कि 50 फीसदी क्षमता के साथ ही स्कूल खोले जाए और नियमों का पालन किया जाए। अगर कोई कर्मचारी या शिक्षा नियमों का उलंघन करते हुए पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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दरअसल, सीधी जिले में कक्षा 12वीं के बाद कौन-कौन से पाठ्यक्रम प्रचलित है, इस पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए क्या प्रक्रियायें है, पाठ्यक्रम कितने वर्ष का है, इसमें कितना व्यय सम्भावित है तथा पाठ्यक्रम पूर्व करने के पश्चात कैरियर की क्या सम्भावनायें है। इसी उद्देश्य से प्रत्येक स्कूल के विद्यार्थियों को उनके स्कूल के निकट स्थित महाविद्यालय, तकनीकी, चिकित्सा महाविद्यालय या विश्वविद्यालय के अध्यापक, प्राध्यापक, कैरियर काउंसलर और प्लेसमेंट अधिकारी से मार्गदर्शन के लिए जोड़ा जाना है।
जिला शिक्षा अधिकारी जिला सीधी ने प्राचार्यो को पत्र जारी कर आस-पास स्थित सभी उच्च शैक्षिक संस्थानों की सूची तैयार करने, उच्च शैैक्षिक संस्थानों के प्राचार्य से समन्वय कर विद्यार्थियों को मार्गदर्शन या भ्रमण कराने के लिए कार्ययोजना बनाने, स्कूलों में अध्ययनरत कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों के संकायवार उच्च शैक्षणिक संस्थानों का चयन करें, किन्तु स्कूल से उस महाविद्यालय की दूरी बहुत अधिक न हो।इसके लिए चिकित्सा महाविद्यालय, ITI, महाविद्यालय, पॉलिटेक्निक या अन्य समकक्ष, विश्व विद्यालय इत्यादि का चयन किया जा सकता है, यदि भौतिक सम्पर्क सम्भव न हो तो वीडियों कांफ्रेंसिंग आदि का भी उपयोग किया जा सकता है।
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जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि महाविद्यालय के मेन्टर के लिए चयनित उच्च शिक्षक संस्थान से स्कूल की दूरी अधिक न हो ताकि उसी दिन विद्यार्थी अपने घर सुरक्षित पहुच सके, आवगमन मार्ग सुगम हो तथा पर्याप्त साधन हो, आवश्यकता अनुसार एक से अधिक बार फैकेल्टी, प्लेसमेंट अधिकारी, कैरियर काउंसलिंग या अन्य व्यक्तियो से परामर्श, मार्गदर्शन, गतिविधि कराई जा सकती है।
उल्लंघन पर होगी सख्त कार्यवाही
इसके साथ ही शहडोल अपर कलेक्टर अर्पित वर्मा ने कहा है कि शिक्षण संस्थान 50 % छात्रों की उपस्थिति एवं गाइडलाइन का पालन करें। स्कूलों में कोविड अनुकूल व्यवहार का उल्लंघन तो होगी सख्त कार्यवाही की जाएगी।जिले के प्राइवेट स्कूल के संचालक यह सुनिश्चित करें कि उनके शिक्षण संस्थान स्कूल का संचालन 50 प्रतिशत छात्रों की उपस्थिति के साथ किया जाए और 50 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर यह सुनिश्चित किया जाएं।उनके द्वारा स्कूलों की जांच कराई जाएगी और यदि कोई शिक्षक, कर्मचारी टीकाकरण से वंचित पाया जाएगा या स्कूलों में गाइडलाइन का उल्लंघन होगा तो सख्त कार्यवाही की जाएगी। स्कूलों में परीक्षा आदि के समय को परिस्थिति के अनूरुप देखकर लिया जाए।