भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MBBS की पढ़ाई हिंदी में कराने के लिए मप्र सरकार का संकल्प पूरा होने जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने हिंदी में पढ़ाने वाले पाठ्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है। हिन्दी में MBBS पाठ्यक्रम का पायलेट प्रोजेक्ट गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) शुरू होगा। प्रथम वर्ष के हिन्दी माध्यम के विद्यार्थियों के लिये 3 विषयों का हिंदी रूपांतरण किया जायेगा। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishvas Sarang) ने आज गुरुवार को मंत्रालय में इस विषय पर अहम बैठक ली।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई अब हिंदी भाषा में भी होगी। यह सुविधा हिंदी माध्यम से पढ़े हुए विद्यार्थियों के लिये सहायक सिद्ध होगी। इसके लिये हिंदी में पाठ्यक्रम प्रारंभ करने के संबंध में गठित हिंदी पाठ्यक्रम उच्च समिति की बैठक मंत्रालय में की गई। इसमें विषय-विशेषज्ञों से चर्चा की गई।
हिंदी में MBBS की पढ़ाई कराने वाला मप्र पहला राज्य
उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम के अध्यायों का रूपांतरण करने के लिये हमने प्रथम वर्ष का कैलेंडर तैयार किया है। यह एक चुनौतीपूर्ण और महत्वकांक्षी निर्णय है। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि देश में हम पहले राज्य होंगे जो हिंदी में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को लागू करेगा।
कार्य-योजना बनाकर विधिवत रूप से कार्य शुरू
सारंग ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा अनुरूप कार्य-योजना बनाकर विधिवत रूप से कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिये हिंदी दिवस पर घोषणा की गई थी कि इसी सत्र से विद्यार्थियों को यह सुविधा प्राप्त होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी में पढ़ाई का मतलब समानांतर रूप से हिंदी माध्यम से पढ़े छात्रों को सहायता के तौर पर यह व्यवस्था की जा रही है। अंग्रेजी के साथ हिंदी की किताबें भी उपलब्ध कराने की तैयारी है। श्री सारंग ने बताया कि हिंदी प्रकोष्ठ का विधिवत गठन कर सुव्यवस्थित पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है। इसमें अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं।
किताबों का रूपांतरण व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखकर
मंत्री श्री सारंग ने कहा कि गाँधी मेडिकल कॉलेज से इसकी शुरूआत होगी। नवाचार के रूप में प्रथम वर्ष के 3 विषयों की किताबों का रूपांतरण व्यवहारिक पक्ष को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देवनागरी का उपयोग कर विद्यार्थियों को टूल और प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मातृ भाषा की पढ़ाई जल्द और ज्यादा समझ में आती है। फ्रांस, जर्मन, जापान और चाइना अपनी भाषा में पढ़ाई कराते हैं।
फेकल्टी भी हिंदी के सहायक शब्दों का करेगी उपयोग
मंत्री श्री सारंग ने बताया कि किताबों का वाल्यूम क्रमबद्ध होगा। सब वाल्यूम बनाकर अप्रैल-मई में पाठ्यक्रम की शुरूआत की जायेगी। कॉपीराइट का भी समुचित अध्ययन किया जा रहा है। इसका पालन सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज की फेकल्टी को भी हिंदी में विद्यार्थियों को समझाते हुए क्लासेस लेने के निर्देश दिये गये हैं। तीन विषयों के लिये तीन वार-रूम बनाये जा रहे हैं। भोपाल में एनाटॉमी और बायो-केमेस्ट्री तथा इंदौर में फिजियोलॉजी का वार-रूम तैयार किया जायेगा। इसमें विषय के रूपांतरण के सत्यापन की जाँच होगी।
ऑडियो-वीडियो के माध्यम से भी होगी हिंदी में पढ़ाई
मंत्री श्री सारंग ने बताया कि विद्यार्थियों की सुविधा के लिये हिन्दी लेक्चर के ऑडियो-वीडियो बनाकर यू-ट्यूब चैनल के माध्यम से उपलब्ध कराने का भी प्रयास किया जायेगा। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसने इस नवाचार की शुरूआत की और आगे भी लागू करने में मध्यप्रदेश अग्रणी रहेगा।
चुनौतीपूर्ण लेकिन गौरवान्वित करने वाला कार्य
मंत्री श्री सारंग ने बैठक में कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य है, जिसे समय-सीमा में किया जाना है। इस कार्य में मध्यप्रदेश लीडर के रूप में काम कर रहा है, यह हमारे लिये गर्व की बात है। बैठक में डॉ. अपूर्व पौराणिक, डॉ. मनोहर भंडारी और डॉ. अमिताभ वर्मा ने प्रेजेंटेशन दिया। अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान, आयुक्त चिकित्सा शिक्षा निशांत वरवड़े, संचालक चिकित्सा शिक्षा जितेन्द्र शुक्ला सहित सभी मेडिकल कॉलेज के डीन और समिति के सदस्य बैठक में उपस्थित थे।
इसमें हमने व्यवहारिक पक्ष को भी ध्यान में रखा है, वो प्रचलित अंग्रेजी के शब्द जो आम भाषा में सभी के समझने में आसान है उनको हम देवनागरी लिपि में ही लिखेंगे।
— विश्वास कैलाश सारंग (मोदी का परिवार) (@VishvasSarang) February 24, 2022
वैज्ञानिक स्टडी यह कहती है कि मातृभाषा में अध्यन करने के परिणाम सुगम होते हैं।
आज हम हिंदी में पाठ्यक्रम शुरू कर रहे हैं, मुझे उम्मीद है कि देश के बाकी हिस्सों में भी उनकी मातृभाषा में यह आरंभ होगा।
यह एक समानांतर व्यवस्था है, जिससे हमारे छात्रों को सहायता मिलेगी: @VishvasSarang pic.twitter.com/FKKz53GVnT— Office Of Vishvas Kailash Sarang (@OfficeVishvas) February 24, 2022
पाठ्यक्रम के अध्यायों का रूपांतरण करने के लिये हमने प्रथम वर्ष का कैलेंडर तैयार किया है।
यह एक चुनौतीपूर्ण और महत्वकांशी निर्णय है।
मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि देश में हम पहले राज्य होंगे जो हिंदी में एमबीबीएस के पाठ्यक्रम को लागू करेगा : @VishvasSarang pic.twitter.com/ZXtJ9FhUSs— Office Of Vishvas Kailash Sarang (@OfficeVishvas) February 24, 2022