MPPSC Exam : मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग यानि एमपीपीएससी का विवादों से पुराना नाता है, परीक्षाओं में कम अंतर को लेकर आक्रोशित अभ्यर्थी नाराज हैं ही और अब आयु कम करने संबंधी एक नई बात सामने आई है, एक अभ्यर्थी ने सरकार के उस आदेश को अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया है जिसमें वन विभाग की परीक्षाओं में आयुसीमा 12 साल घटा दी गई है।
MPPSC ने अभ्यर्थियों को जोर का झटका धीरे से दिया
एमपीपीएससी के तहत वन विभाग से संबंधित परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सरकार ने जोर का झटका धीरे से दिया है, सरकार ने आयुसीमा में संशोधन करते हुए इसे 12 साल कम कर दिया है यानि अब अधिकतम आयुसीमा 28 साल कर दी गई जिसका विरोध शुरू हो गया है।
वन विभाग की परीक्षाओं में आयुसीमा 12 साल घटाई
MPPSC की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थी आकाश पाठक ने सरकार के इस आदेश को साझा करते हुए ट्विटर पर लिखा – मध्यप्रदेश सरकार द्वारा फारेस्ट सर्विस की आयु 12 साल कम करने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य बर्वाद हो गया है यह आदेश 1 जनवरी 2021 से लागू होने से जो अभ्यर्थी 28 वर्ष से ऊपर हैं और चयनित हो चुके या साक्षात्कार देने वाले हैं उनके साथ मानसिक अपराध करने जैसा है।”
अभ्यर्थियों ने हाई कोर्ट जाने और आन्दोलन की चेतावनी दी
उन्होंने आगे लिखा कि “मध्यप्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार देना ही नहीं चाहती है, 5 साल से एक भी नियुक्ति न देना ऊपर से ये तुगलकी फरमान जारी करने से अभ्यर्थी सदमे में हैं, इस विषय पर हम कानूनी राय ले रहे है और इसे जल्द ही हाई कोर्ट में चैलेंज किया जाएगा ताकि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय न हो। हम मध्यप्रदेश सरकार से आग्रह करते है कि इस आदेश को तत्काल प्रभाव से वापस लिया जाए अन्यथा छात्र सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेंगे, अब इससे ज्यादा अन्याय सहन नहीं किया जाएगा।”
मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा फारेस्ट सर्विस की आयु 12 साल कम करने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य बर्वाद हो गया, यह आदेश 1 जनवरी 2021 से लागू होने जो अभ्यर्थी 28 वर्ष से ऊपर है और चयनित हो चुके या साक्षात्कार देने वाले है उनके साथ मानसिक अपराध करने जैसा है, मध्यप्रदेश सरकार… pic.twitter.com/f7RrzlhyjD
— Akash Pathak (@AkashRpathak) December 2, 2023
मध्यप्रदेश सरकार के द्वारा फारेस्ट सर्विस की आयु 12 साल कम करने से हजारों विद्यार्थियों का भविष्य बर्वाद हो गया, यह आदेश 1 जनवरी 2021 से लागू होने जो अभ्यर्थी 28 वर्ष से ऊपर है और चयनित हो चुके या साक्षात्कार देने वाले है उनके साथ मानसिक अपराध करने जैसा है, मध्यप्रदेश सरकार… pic.twitter.com/f7RrzlhyjD
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