मल्टीनेशनल कंपनियों ने उठाए राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा निर्धारित की गई इंटरएक्टिव पैनल की शर्तों पर सवाल, किए इ-मेल

मध्य प्रदेश सरकार दोनों कंपनियों द्वारा जताई गई आपत्ति को लेकर कोई ठोस क़दम उठाती है और शर्तो में बदलाव करती है या जो प्रक्रिया और निर्धारित मापदंड अभी तय किए गए हैं उन पर ही बनी रहती है।

Interactive Panel Tender

Interactive Panel Tender : मध्य प्रदेश में सरकार लगातार शिक्षा को सुगम और सरल बनाने को लेकर प्रयासरत है। टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में भी मध्य प्रदेश की सरकार लगातार नए नवाचार कर रही है। ऐसे में प्रदेश की सरकारी विद्यालय की क्लासों को स्मार्ट क्लास में तब्दील करना भी सरकार की प्राथमिकता है। इन सभी स्मार्ट क्लासेस के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य शिक्षा केंद्र को इंटर एक्टिव पैनल की खरीदी करने के लिए निर्देशित किया था।

इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इन पैनलों की खरीदी के लिए एक समिति का गठन किया गया जिसका काम ऐसे मापदंडों का चयन करना था जिससे गुणवत्तापूर्ण पैनलों की खरीदी की जा सके। विभिन्न जिला स्तरों पर निविदाएं आमंत्रित करने की अनुशंसा भी की गई। लेकिन अब आरोप यह है कि संचालक एमपी राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा इस प्रक्रिया में कहीं ना कहीं छेड़छाड़ की गई है और निम्न स्तर के स्पेसिफिकेशन राज्य स्तर पर ही निर्धारित कर दिए गए हैं।

आरोप यह भी सामने आ रहे हैं कि इस बात की शिकायत OEM में भी की गई लेकिन बावजूद इसके सभी बिंदुओं को नकारते हुए घटिया स्पेसिफिकेशन वाली कंपनी का चुनाव इस प्रक्रिया के लिए किया गया। इस चुनाव को लेकर भ्रष्टाचार का अंदेशा भी लगाया जा रहा है।

इस टेंडर की प्रक्रिया को लेकर मल्टीनेशनल कंपनी सैमसंग और एसर ने भी प्रक्रिया को पारदर्शी करने और टेंडर की शर्तों को लेकर बात कही है।

सैमसंग द्वारा लिखे गए मेल में साफ तौर पर यह स्पष्ट किया गया है कि उन्हें निर्धारित सर्कुलर पर आपत्ति है। अपने मेल में सैमसंग द्वारा साफ तौर पर लिखा गया है कि इस तरीके से किसी निर्धारित OEM को फेवर किया जा रहा है जो Fair Practice नहीं है, गवर्नमेंट टेंडर और उनकी प्रक्रिया पारदर्शी होना चाहिए और सभी को इनमें समान मौका मिलना चाहिए। सैमसंग में टेंडर प्रक्रिया में खुद के शामिल होने को लेकर सरकार से विनती की है।

सैमसंग के अलावा मल्टीनेशनल कंपनी एसर के द्वारा भी टेंडर डॉक्यूमेंट के बिंदु नंबर 3.7 और 3.12 को लेकर सवाल खड़े किए गए हैं। अपने लेटर में एसर ने साफ तौर पर लिखा है कि हर तरह के विरोधाभास को भविष्य के लिए खत्म करने को लेकर इन बिंदुओं का स्पष्टीकरण जरूरी है।

अब देखना यह होगा कि मध्य प्रदेश सरकार दोनों कंपनियों द्वारा जताई गई आपत्ति को लेकर कोई ठोस क़दम उठाती है और शर्तो में बदलाव करती है या जो प्रक्रिया और निर्धारित मापदंड अभी तय किए गए हैं उन पर ही बनी रहती है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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