वक्फ की जमीन पर 40 साल से नगर निगम कर रहा अवैध वसूली

भोपाल। अपनी हठधर्मिता और जोर जबरदस्ती पर अड़े नगर निगम के अधिकारी-कर्मचारी अपनी ही बातों में उलझते नजर आ रहे हैं। जहां बरसों से वक्फ की एक भूमि को अपना करार देते हुए पिछले 40 वर्षों से अवैध वसूली की जा रही है, वहीं कार्यालयीन दस्तावेजों में इस बात का उल्लेख किया जा रहा है कि उक्त जमीन नगर निगम की न होकर वक्फ कब्रिस्तान की संपत्ति है। निगम अधिकारियों-कर्मचारियों ने इस मामले में अदालत को भी गुमराह करते हुए झूठी जानकारियां उपलब्ध कराई हैं।

राजधानी के व्यस्तम मार्ग हमीदिया रोड पर स्थित नवबहार सब्जी मंडी पर एक व्यवस्थित बस स्टंैड बनाने की योजना नगर निगम ने बनाई थी। करीब दस एकड़ इस जगह पर बसी मंडी को नई करोंद मंडी पर शिफ्ट करने की तैयारी भी कर ली गई थी। कुछ दुकानें यहां से शिफ्ट कर दी गईं, लेकिन बड़ी तादाद में दुकानदार यहीं डटे रहे और अपना कारोबार जारी रखा। नगर निगम ने इस स्थान पर बस स्टैंड बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर डीपीआर भी तैयार करवा ली थी। लेकिन बरसों बाद भी मामला डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पाया है। इस मामले की उच्चस्तरीय खोजबीन शुरू होने पर नगर निगम ने इस बात को स्वीकार किया है कि उक्त जमीन नगर निगम के आधिपत्य की न होकर इसका मूल अधिकार मप्र वक्फ बोर्ड का है। खसरा नंबर 449 औैर खसरा नंबर 450 पर स्थित इस जमीन का कुल रकबा 9 एकड़ 47 डेसीमल है। नगर निगम द्वारा अधिकारियों को भेजी गई जानकारी में इस बात का जिक्र किया गया है कि उक्त जमीन मप्र वक्फ बोर्ड में वक्फ बांके कब्रिस्तान के नाम से अंकित और रजिस्टर्ड है।


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