BRTS कॉरिडोर को तोड़ने की नहीं सुधार की जरुरत, दिल्ली से आई टीम ने किया निरीक्षण

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भोपाल। सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) के सीनियर प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. एस वेलमुरुगन मंगलवार को बीआरटीएस का निरीक्षण करने के लिए दिल्ली से भोपाल आए| उनके साथ पांच वैज्ञानिकों की टीम भी मौजूद थी| दिल्ली से आई टीम ने दिनभर बीआरटीएस की कई लोकेशन पर निरीक्षण किया और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह के साथ बैठक की| इस दौरान लेन के निर्माण, फायदे व नुकसान, दुर्घटनाएं, भविष्य में ट्रैफिक सिस्टम, जनसंख्या व कनेक्टविटी पर विचार मंथन किया गया|

बता दें कि डॉ. वेलमुरुगन वही शख्स हैं, जिनकी सिफारिश पर दिल्ली में आफत बने बीआरटी को उखाड़ दिया गया था। इसके बाद दिल्ली में बीआरटी के विस्तार के काम पर भी ब्रेक लग गया था| हालांकि वो कहते है कि दिल्ली और भोपाल में जमीन आसमान का अंतर है और बीआरटीएस को तोड़ना ही है यह हम नही सोच रहे| फिलहाल निरीक्षण किया है और एव्युलेशन कर के तय करेंगे|  कहा कि लेन में बूम बेरियर लगने चाहिए। उन्होंने कहा कि बीआरटीएस हटाने की जरूरत नहीं है। कुछ व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की जरूरत है।

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गौरतलब है कि 157 करोड़ की लागत से बने 24 किमी के इस कॉरिडोर में 2016 से 2018 तक 121 एक्सीडेंट और 21 लोगों की हो चुकी मौत हो चुकी है। अगर इसको तोड़ा भी जाता है तो इसकी कुल लागत के 40 फीसदी का खर्चा आएगा| 


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