जल संसाधन विभाग के चार अधिकारियों को नोटिस, तीन दिन में मांगा जवाब, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
Published on -

Bhopal News : प्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने सोमवार को भोपाल में घोड़ा पछाड़ डैम (Ghoda Pachhad Dam Bhopal)  का औचक निरीक्षण किया। मंत्री सिलावट ने 2 किलोमीटर पैदल चल कर डैम की स्थिति का जायजा लिया और बांध की  दीवार में कमी पाए जाने पर 4 अधिकारियों को शो-कॉज नोटिस (Notice to four officers of Water Resources Department) जारी करने के निर्देश दिए।

बांध की दीवार में मिली कमी, चार अधिकारियों को नोटिस

मंत्री तुलसीराम सिलावट आज अचानक घोड़ा पछाड़ डैम का निरीक्षण करने पहुंचे, उन्हें वहां बांध की दीवार में बहुत कमियां मिली जिस पर उन्होंने बहुत नाराजगी जताई , जल संसाधन मंत्री ने बांध की दीवार पर सड़क बनाने के निर्देश दिए। साथ ही मरम्मत का काम नहीं होने पर भी नाराजगी व्यक्त की। मुख्य अभियंता श्री कुसरे को निर्देश दिए कि संबंधित कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और दो सब इंजीनियर को शो-कॉज नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब लें।

जल संसाधन विभाग के चार अधिकारियों को नोटिस, तीन दिन में मांगा जवाब, ये है पूरा मामला

बांध में मछली उत्पादन को देखा, तारीफ की

मंत्री श्री सिलावट (Water Resources Minister Tulsiram Silawat) ने डैम से निकलने वाली नहर का भी निरीक्षण किया। नहर से पानी के रिसाव पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा उन्होंने  कि रिसाव को शीघ्र ठीक किया जाये। पानी वेस्टेज न हो, इसके लिए पर्याप्त उपाय किए जाएँ। श्री सिलावट ने बांध में मछली-पालन की व्यवस्थाओं को भी देखा। यहाँ पर 266 केज लगाकर मछली उत्पादन किया जा रहा है। संचालक मछली-पालन भरत सिंह ने बताया कि प्रत्येक केज में साल में 4 टन मछली पैदा हो रही है। यहाँ एक हजार टन से अधिक मछली साल भर में पैदा की जा रही है। मछली की गुणवत्ता के लिए उच्च क्वालिटी का स्टेंडर्ड फ्राई डाला जाता है।

जल संसाधन विभाग के चार अधिकारियों को नोटिस, तीन दिन में मांगा जवाब, ये है पूरा मामला

पानी छोड़े जाने की जानकारी स्थानीय जन प्रतिनिधियों को भी देने के निर्देश

मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बांध (MP Water Resources Department) के पास बने भवन का भी निरीक्षण कर खाली जगह में वृक्षा-रोपण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नहर के आस-पास यदि कोई अतिक्रमण है तो उसे जिला प्रशासन के साथ कार्रवाई कर तुरंत हटाया जाए। श्री सिलावट ने निर्देश दिये कि बांध से पानी छोड़े जाने पर स्थानीय विधायक और जन-प्रतिनिधि को भी अवगत करायें।

इस पर भी गौर कीजिये

घोड़ा पछाड़ डैम  1965 में बना। इसमें 12 एमसीएम से अधिक पानी संग्रहण होता है। इसके पानी से लगभग 1400 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News