अब गंगा जमना स्कूल दमोह के “लोगो” पर उठे सवाल, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने MP सरकार को दिए FIR के निर्देश

Atul Saxena
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Ganga Jamna School Damoh Case : मप्र शासन (MP Government) से मान्यता प्राप्त स्कूल में इस्लामी शिक्षा और धर्मांतरण जैसे  गंभीर आरोपों के बाद चर्चा में आया दमोह का गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल अब एक और नए विवाद में घिरता दिखाई दे रहा हैं, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने स्कूल के “लोगो” पर जताते हुए इसमें भारत के नक़्शे के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया है। आयोग के चेयरमैन ने मप्र सरकार को इस मामले में एफ आई आर करने के निर्देश दिए हैं, उधर प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने इस मामले में जांच के आदेश दे दिए हैं।

हिन्दू लड़कियों को हिजाब पहने पोस्टर में दिखाए जाने के बाद चर्चा में आये दमोह का गंगा जमना हायर सेकेंडरी स्कूल से जुड़े रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अंग्रेजी माध्यम की मान्यता प्राप्त करने वाले इस स्कूल में उर्दू प्रथम भाषा के रूप में पढ़ाने, बच्चों से जबरन नमाज पढ़वाने, कलमा पढ़वाने, सरस्वती वंदना नहीं कराने और इस्लामी तालीम दिए जाने के साथ साथ धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

कुछ बच्चे और उनके माता पिता सामने आये और उन्होंने स्कूल में इस्लामी तालीम और नमाज पढ़ने के लिए मजबूर करने की बात मीडिया के सामने भी कही है। स्कूल के तीन टीचर्स के धर्मान्तरण की भी बात सामने आई लेकिन इन टीचर्स ने इसका खंडन किया है। बहरहाल इन सब आरोपों की जाँच के आदेश हो गए हैं और स्कूल की मान्यता निलंबित कर दी गई है।

उधर अब इस मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने एक गंभीर बात उठाई है। आयोग ने स्कूल के “लोगो” पर बड़ा सवाल उठाते हुए भारत के नक़्शे में छेड़छाड़ का गंभीर आरोप लगाया है। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग (NCPCR) के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो ने स्कूल संचालक के स्कूल सहित अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर इस विवादित “लोगो” पर कड़ी आपत्ति जताते हुए मप्र सरकार को इस पर एफआईआर करने के निर्देश दिए हैं।

प्रियंक कानूनगो ने ट्वीट किया – दमोह मध्य प्रदेश में जिस स्कूल में हिंदू बच्चों को हिजाब पहनाने व इस्लामिक शिक्षा दिए जाने तथा धर्मांतरण का प्रयास किए जाने के मामले में जाँच चल रही है यह उसका प्रतीक चिन्ह (लोगो) है जिसमें भारत के नक़्शे के साथ छेड़छाड़ करके आधा भारत ही ग़ायब कर दिया गया है। यही नहीं इसके मालिक के सभी अन्य व्यावसायिक संस्थानों में यही नक़्शा प्रतीक चिन्ह (लोगो) की तरह उपयोग किया जा रहा है। शैक्षणिक संस्थान द्वारा हमारे संप्रभु राष्ट्र भारत के नक़्शे के साथ इस प्रकार की छेड़खानी क़तई सहन नहीं की जाएगी। इसको राष्ट्रीय बाल  संरक्षण आयोग (NCPCR)ने बेहद गम्भीरता से लिया है,व मध्य प्रदेश सरकार को FIR हेतु आवश्यक निर्देश प्रेषित किए जा रहे हैं।

इस मामले में आज प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने स्पष्ट किया कि मामले की जाँच चल रही है। स्कूल में पढ़ने वाले  बच्चे बच्चियों के बयान भी लिए गए हैं, इस तरह की मानसिकता को मप्र में  नेस्तनाबूत कर दिया जायेगा, पुलिस को निर्देश दिए हैं वैधानिक कार्रवाई की जाये। भारत के नक्शे में छेड़छाड़ के जो आरोप लगे हैं उसपर भी जाँच के आदेश दे दिए हैं, टेरर फंडिंग की बात भी सामने आएगी तो उसपर भी एक्शन होगा।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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