अब उठी मांग कि जब अपराधियों के मकान तोड़े जा सकते हैं तो भ्रष्टाचारियों का निर्वाह भत्ता भी बंद होना चाहिए

BHOPAL  NEWS  : मध्यप्रदेश में  गुंडों पर हो रही कार्रवाई के बाद अब भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी, कर्मचारियों प कार्रवाई की मांग उठ रही है। कर्मचारी संगठन ही यह मांग कर रहे है।

यह है मांग 

तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ भोपाल प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी का कहना है कि रोजाना अधिकारी कर्मचारी पकड़े जा रहे हैं रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद उनको सस्पेंड कर दिया जाता है सस्पेंड करने के 3 महीने तक 50% वेतन मिलता है 3 महीने बाद 75% वेतन निर्वाह भत्ते के रूप में उन्हें मिलता है इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता भ्रष्टाचार में जो भी लिप्त पाया जाए उसका तत्काल निर्वाह बंद होना चाहिए छोटे से कर्मचारियों की पास भी करोड़ों रुपए निकाल रहे हैं नौकरी में रहते भ्रष्टाचार करते हैं सस्पेंड होने के बाद भ्रष्टाचार में पकड़े जाने के बाद 75% वेतन मिलता है तो ऐसे लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता इसलिए इनका निर्वाह भत्ता बंद होना चाहिए इनका परिवार भी इस भ्रष्टाचार की कमाई में शामिल रहता है।

 


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Sushma Bhardwaj

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