भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना की पहली और विशेषकर दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी के कारण मची हाहाकार से सबक लेकर मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने एक नया प्रयोग किया है। विभाग को उम्मीद है कि अब किसी भी आकस्मिक स्थिति से विभाग द्वारा की गई तैयारियों के माध्यम से निपटा जा सकेगा।
कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की भारी कमी के चलते कई लोगों की मौत हो गई थी। उस समय भी मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने चौबीसों घंटे काम कर मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता बनाए रखने के प्रयास किए थे, लेकिन मांग और आपूर्ति मे अंतर की वजह से कमियां फिर भी रह गई थी। इन सब बातों से सबक लेकर अब मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग ने व्यापक तैयारियां की है। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने बताया कि कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के बावजूद इसके नियंत्रण और रोकथाम के लिए राज्य सरकार ने मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए मेडिकल ऑक्सीजन के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य रखा है।
इसके लिए परिवहन विभाग ने मुख्य रूप से पीईएसओ यानी पेट्रोलियम एवं एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन द्वारा पंजीकृत मध्य प्रदेश स्थित क्रायोजेनिक टैंकरों के मालिकों से समन्वय कर सभी टैंकरों में जीपीएस व्हीकल लोकेशन डिवाइस लगवाई है। इसके साथ ही लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन के सुचारू परिवहन हेतु मध्यप्रदेश राज्य में प्रशिक्षित चालको का एक पुल तैयार किया गया है जो आपातकालीन स्थिति में काम आ सकेगा। टैंकरों में दो या अधिक चालक रखने की भी व्यवस्था की गई है। परिवहन विभाग का सारा फोकस भविष्य में आने वाली किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने पर है। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने विश्वास जताया है कि इन सारे प्रयासों के माध्यम से अब किसी भी स्थिति में मध्य प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी नहीं होने दी जाएगी।