भोपाल।
प्रदेश में बढ़ते महिला अपराध के लिए लड़कियों को दोषी ठहराने वाले प्रदेश की डीजीपी को उनके ही विभाग के अधिकारी ने आईना दिखाया है। मुरैना जिले के बानमोर थाने के टी आई केएन त्रिपाठी का एक महिला के साथ अश्लील बातें करने का ऑडियो वायरल होने के बाद एसपी ने टीआई को सस्पेंड कर दिया। इससे पहले जौरा थाने के टीआई का ऑडियो वायरल हुआ था। उन्हें भी तब एसपी ने सस्पेंड कर दिया था।ऐसे मे सवाल खड़ा होता है कि लड़कियों की आजादी पर सवाल उठाने वाले डीजीपी क्या अब ऐसे पुलिसककर्मियों की हरकतों पर नजर डालेंगें य़ा फिर उन पर कार्रवाई करने के निर्देश देंगें।
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दरअसल , डीजीपी वीके सिंह ने 4 जुलाई को ग्वालियर दौरे के दौरान महिलाओं और बच्चियों से जुड़े अपराध के लिए कहा था कि एक नया ट्रेंड 363 के रूप में दिख रहा है, लड़कियां स्वतंत्र ज्यादा हो रही हैं, स्कूलों में कॉलेजों में जा रही हैं तो आज के समाज में बढ़ती स्वतंत्रता एक तथ्य है। ऐसे में उनका जो सामना हो रहा है, इंटरेक्शन हो रहा है दूसरे लड़कों के साथ ये भी एक सच्चाई है।ऐसे मामलों में वृद्धि देखने को मिली है कि घर से चली जाती हैं फिर रिपोर्ट होती है किडनैपिंग की। अब बानमोर टी आई कैलाश नारायण त्रिपाठी का एक ऑडियो सामने आया है जिसमें वो एक महिला से मोबाइल पर अश्लील बातें कर रहे हैं। ऑडियो सामने आने के बाद एसपी डॉ असित यादव ने उन्हें सस्पेंड कर दिया है लेकिन इस ऑडियो ने पुलिया की महिलाओं को लेकर सोच जाहिर कर दी है। इससे पता चलता है कि पुलिस महिलाओं से किस तरह से बात करती है और उनके बारे में क्या सोचती है। इस घटना के बाद जाहिर हो गया है कि अपनी नाकामी को छुपाने वाली पुलिस खुद महिलाओं से कैसा व्यवहार करती है।अपराधों पर लगाम लगाने के बजाय प्रदेश में घट रही घटनाओं के लिए लड़कियों की आजादी को जिम्मेदारी ठहराती है।
खासबात यह है कि किसी महिला से अश्लील बात करने के ऑडियो के वायरल होने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले जौरा थाने के टीआई का ऑडियो वायरल हुआ था। उन्हें भी तब एसपी ने सस्पेंड कर दिया था।ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब मुखिया ही इस तरह के बातें करेगा तो कैसा सुरक्षित होगी प्रदेश की बेटियां….।क्या ऐसी हरकते करने वालों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई नही होनी चाहिए। क्या ऐसे कदम नही उठाए जाने चाहिए जिससे महिलाएं पुलिस के होते हुए सुरक्षित महसूस करे ना कि असुरक्षित..।