राउंड अप: ओपिनियन पोल से साफ होगी तस्वीर, इन मुद्दों पर रहे इस बार के चुनाव

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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा समेत देश के पांच राज्यों में चुनाव हो रहे हैं। शुक्रवार को तेलंगाना और राजस्थान में मतदान होना है। इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा ओपिनियन पोल पर लगी रोक भी कल शाम साढ़े पांच बजे हट जाएगी। जिसके बाद रूझान आना शुरू हो जाएंगे। जिसके बाद खबरों से यह साफ हो जाएगा इस बार इन पांचों राज्यों में किस दल की सरकार बनने की उम्मीद है। मध्य प्रदेश में भी सभी को नतीजों का इंतजार है। हम बता रहे हैं इस बार का चुनाव प्रदेश के प्रमुख दल कांग्रेस और भाजपा ने किस मुद्दे पर लड़ा। 

प्रदेश में चौथी बार सत्ता वापसी के लिए शिवराज सिंह चौहान पूरी तरह से आश्वस्त हैं। वह दावा कर रहे हैं उनकी पार्टी को स्पष्ठ बहुमत मिल रहा है। इस बार भाजपा के पास खास मुद्दे न होकर 2003 के ही मुद्दों को दोहराते हुए दिग्विजय सिंह सरकार के कार्यकाल को याद दिलाकर जनता से वोट मांगे। वहीं, कांग्रेस सॉफ्ट हिंदुत्व के साथ ही एंटी इंकम्बेंसी होने का दावा कर चुनाव जीतने की बात कह रही है। 

पिछले चुनाव में भाजपा को 165 सीटें मिली थी। 2008 के मुकाबले इस बार 22 सीटों पर पार्टी को लाभ हुआ था। वहीं, 2013 में भाजपा का वोटिंग प्रतिशत भी  44.88% रहा था। कांग्रेस को 2013 में मोदी हर के चलते बड़ा नुकसान हुआ था। कांग्रेस को 58 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था। 2008 के मुकाबले उसे 13 सीटों का नुकसान भी उठाना पड़ा था। 2013 में कांग्रेस का वोटिंग प्रतिशत 36.38% रहा था। जबकि बीएसपी चार सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। 

इस बार फिर भाजपा 230 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जबकि कांग्रेस 229 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जतारा विधानसभा से कांग्रेस ने गठबंधन के तहत शरद यादव की पार्टी लोकतांत्रिक नता दल से उम्मीदवार उतारा है। बीएसपी ने 227 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। वहीं, समाजवादी पार्टी 52 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। प्रदेश में तीन बार से सत्ता पर काबिज भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस ने इस बार सॉफ्ट हिंदुत्व का कार्ड चला, लेकिन कई सेकुलरवादियों को शंका है कि कांग्रेस का यह पैतरा फेल न हो जाए। 

पुराने ओपीनियन पोल में भाजपा जीत रही

8 नवंबर को आए ओपिनियन पोल में भाजपा सरकार बनाती दिख रही थी। टाइम्स नाऊ-सीएनएक्स के सर्वे में भाजपा को 122 सीटों मिल रही थी। वहीं, कांग्रेस को 95 सीटें मलने का अनुमान बताया गया था। बीएसपी को तीन और बाकी पार्टियों के खाते में दस सीटें मिलने का दावा किया गया था। लेकिन कांग्रेस ने ऐन समय पर किसान कर्ज माफी और कई बड़े एलान कर गेम चेंज करने की कोशिश की है। अब देखना होगा किसका जादू जनता पर चला है। कांग्रेस के कर्जमाफी या फिर भाजपा के स्कूटी के वादे। 11 दिसंबर को नतीजे आ जाएंगे। लेकिन उससे पहले शुक्रवार को एक्जिट पोल में कुछ हद तक खबरों से तस्वीर साफ हो जाएगी। 


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