भोपाल के जेपी शासकीय अस्पताल में ओरल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर, अगले 15 दिनों तक होगी निशुल्क जांच, इलाज भी मुफ़्त

जयप्रकाश चिकित्सालय में चल रहे ओरल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर में अब तक अठारह सौ से अधिक लोगों की जांच हुई है।

BHOPAL J.P. HOSPITAL NEWS : जयप्रकाश चिकित्सालय में चल रहे ओरल कैंसर स्क्रीनिंग शिविर में अब तक अठारह सौ से अधिक लोगों की हुई जांच की गई है, ओरल कैंसर स्क्रीनिंग हेतु आयोजित किए जा रहे विशेष शिविर में ऑटोफ्लोरेंस आधारित उपकरण द्वारा 1832 लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जिनमें से 361 लोगों में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण पाए गए हैं। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस विशेष शिविर की अवधि 15 दिनों के लिए बढ़ाई गई है। जिला अस्पताल के ब्लॉक ए में एनसीडी कक्ष में यह जांच निशुल्क की जा रही है।

शुरुआती अवस्था में ही ओरल कैंसर डायग्नोसिस

ओरल स्कैन जांच के माध्यम से ओरल कैंसर को शुरुआती अवस्था में ही डायग्नोसिस किया जा सकता है, जिससे देरी से डायग्नोस होने के कारण होने वाली विरूपता व अन्य परेशानियों से बचा जा सकता है। स्क्रीनिंग दंत रोग विशेषज्ञों द्वारा प्रतिदिन की जा रही है। तंबाखू उत्पादों जैसे गुटखा, खैनी, जर्दा , बीड़ी, सिगरेट का उपयोग करने वालों में ओरल कैंसर होने की आशंका अन्य लोगों से बहुत अधिक होती है। इसलिए इन लक्षणों वाले लोगों को आवश्यक रूप से स्क्रीनिंग करवाते रहना चाहिए।

कैंसर स्क्रीनिंग एवं उपचार की सुविधा निशुल्क

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि शिविर में जिन लोगों में ओरल कैंसर के प्रारंभिक लक्षण पाए गए हैं उनका फॉलोअप किया जा रहा है। असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर स्क्रीनिंग एवं उपचार की सुविधा निशुल्क है।

इस वजह से होता है कैंसर 

मुंह में सफेद अथवा लाल चकत्ता या घाव होना, मुंह की किसी जगह की त्वचा का कड़ा होना, चबाने, निगलने या बोलने में कठिनाई होना, मुंह खोलने में कठिनाई होना, आवाज में परिवर्तन होना आदि ओरल कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। ओरल कैंसर मुंह के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। जिनमें मसूड़े, जीभ, गालों के अंदर या होंठ शामिल हैं। तंबाखू से कई तरह के कैंसर का खतरा होता है। तंबाकू में मौजूद निकोटीन शरीर में जहर की तरह कार्य करता है | अतः यह लोगों के हित में है कि वे स्वयं तंबाकू व तंबाकू उत्पादों के सेवन से दूर रहें तथा बच्चों व किशोरों को इसकी तरफ़ जाने से रोकें। किसी भी तरह की शंका होने या लक्षण दिखाई देने पर चिकित्सकीय जाँच अवश्य करायें।


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Sushma Bhardwaj

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