भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के किसानों (Farmers) के लिए राहत भरी खबर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY- PM Crop Insurance Scheme) का पोर्टल सोमवार 27 सितंबर से 9 अक्टूबर तक खोला गया है, अगर किसी भी प्रकार की त्रुटी हुई है तो जल्द बैंक जाकर सुधारा ले।इसके लिये डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू डॉट पीएमएफबीवाई डॉट जीओभी डॉट इन पोर्टल को पुन: खोला गया है।
धार जिले के उप संचालक कृषि जीएस मोहनिया ने किसानों से अपील है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना खरीफ 2021 में कृषकों का फसल बीमा प्रिमियम बैंकों द्वारा काटा गया है, किन्तु किसी तकनीकी कारण एवं आधार नम्बर (Aadhaar Card Number), खसरा नकल इत्यादि अभिलेख बैंक के पास उपलब्ध नही होने से पोर्टल पर पृविष्टि नही हो पाई है, ऐसे में किसान 9 अक्टूबर 2021 तक संबधित बैंक (Bank) शाखा में सम्पर्क कर अभिलेख उपलब्ध कराने में बैंकों को आवश्यक सहयोग करें, ताकि बैंको द्वारा समयावधि में पोटर्ल पर पृविष्टिया की जा सकें।
जिले की समस्त राष्ट्रीयकृत, सहकारी केन्द्रीय बैंक एवं म.प्र.ग्रामीण बैंक की समस्त शाखाऐं कृपया निर्धारित नियत तिथि में 27 सितम्बर से 9 अक्टूबर तक शेष पृविष्टिया पूर्ण करावें, जिससे पात्र किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ मिल सकें।इसी तरह की त्रुटियों का मामला अन्य जिलों से भी सामने आया है।
रीवा उप संचालक कृषि यूपी बागरी का कहना है कि जिन शाखाओं द्वारा जानकारी दर्ज किया जाना शेष है वह उक्त अवधि में जानकारी फीड करना सुनिश्चित करें। PMFBY के संशोधित परिचालन हेतु यदि बैंकों द्वारा कृषक के खाते से प्रीमियम राशि काटी गई हो एवं एनसीआईपी पर जानकारी दर्ज न करने की अवस्था में किसी प्रकार की फसल क्षति होने की दशा में संबंधित बैंक क्षतिपूर्ति हेतु उत्तरादायी होंगे।
रीवा में 28 हजार किसानों के खातों में गड़बड़ी
हरदा में करीब 28 हजार किसानों के खातों में त्रुटि देखने को मिली है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (Prime Minister Crop Insurance Scheme) के पोर्टल पर की गई एंट्री में सामने आई त्रुटियों को दूर करने के लिए बैंकों को एक सप्ताह का समय दिया गया है। साथ ही बैंकों से किसानों के खसरा नंबर की बी-1 कॉपी भी बीमा कंपनी ने मांगी है। इसके लिए भी बैंक शाखा के प्रबंधकों को एक सप्ताह का समय दिया गया है।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
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मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
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दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)