पोला पिठोरा पर्व पर सीएम शिवराज ने दी शुभकामनाएं, पत्नी साधना सिंह के साथ गौवंश की पूजा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज पोला पिठोरा पर्व (Pola Pithora) है। ये खेती किसानी से जुड़ा पर्व है जिसे भाद्रपद की अमावस्या को मनाया जाता है। ये कुशोत्पाटिनी अमावस्या होती है जिसे कुशग्रहणी अमावस्या भी कहत हैं। अगस्त माह में खेती किसानी का काम खत्म होता है और मान्यता है कि उसके बाद अन्नमाता गर्भधारण करती है। इसका अभिप्राय ये है कि धान के पौधों में इस दिन दूध भरता है और इसीलिए ये त्योहार मनाया जाता है।

कुशोत्पाटिनी अमावस्या आज, जाने क्या है इसमें खास

सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने आज अपने निवास पर पत्नी साधना सिंह (Sadhna Singh) और बेटे के साथ गौवंश की पूजा की और सभी को पोला पिठोरा की शुभकामनाएं दी है। उन्होने कहा कि ‘समस्त किसान भाइयों-बहनों को लोक पर्व पोला पिठोरा की हार्दिक बधाई! ईश्वर से यही प्रार्थना करता हूं कि यह पर्व आपके जीवन में खुशहाली एवं आनंद लाये और हर घर-आंगन धन-धान्य एवं सुख, समृद्धि से भर जाये।’ शिवराज सिंह चौहान ने अपने निवास पर पत्नी साधना सिंह के साथ गौवंश की पूजा भी की और कहा कि ‘आज अपने निवास पर सपरिवार गौवंश की पूजा कर पोला पर्व मनाया। बछिया अष्टमी और धनवंतरी की विधि-विधान से पूजा कर गुड़ की की रोटी और चावल का व्यंजन खिलाया। इस पर्व पर किसान बहनों-भाइयों और समस्त प्रदेवासियों की सुख-समृद्धि की कामना करता हूं।’

इस कृषि आधारित पर्व को किसान इस पर्व को बहुत ही उत्साह से मनाते हैं। पुरुष अपने पशुधन, विशेषकर बैलों को सजाकर उनकी पूजा करते हैं। स्त्रियां अपने मायके जाती हैं और बच्चे मिट्टी का बैल बनाकर उन्हें पूजते हैं। इस दिन पुत्र की दीर्घायु के लिए चौसष्ठ योगिनी की पूजा भी की जाती है। घरों में कई तरह के पकवान बनते हैं और कई स्थानों पर बैलों को सजाने की प्रतियोगिता भी होती है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र में ये पर्व बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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