मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं, पहले सरकार (Government) गिरी, फिर पार्टी में टूट फूट हुई और अब पार्टी के भीतर ही टोपी और टीके (Topi And Tika) पर सियासत शुरु हो गई है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (Pradesh Congress Committee) के मुख्यालय में भगवान राम (Lord Ram) के आदमकद पोस्टर (Poster) पार्टी के ही कुछ नेताओं को रास नहीं आ रहे। कांग्रेस के बड़े नेताओं का भगवा पहनना और भगवान राम के जयकारे लगाने को लेकर भी पार्टी के एक धड़े में नाराजगी है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक (Minority) नेताओं को भगवान राम के पीसीसी (PCC) में पोस्टर लगाना इतना नागंवार गुजरा की इस्तीफा देने की नौबत आ गई।
हालांकि कांग्रेस संगठन मंत्री का कहना है कि अल्पसंख्यक विभाग के इक्के दुक्के इस्तीफों से कांग्रेस की सेहत पर फर्क नहीं पड़ता। कांग्रेस के हाल पर अब बीजेपी कहती है कि कभी टोपी कभी टीके की राजनीति करने वाली कांग्रेस के साथ ऐसा होना तय था।
अयोध्या (Ayodhya) में श्री राम मंदिर (Shri Ram Mandir) के भूमिपजून के मौके पर जो जलसा पीसीसी में हुआ उससे पार्टी के अल्पसंख्यक नेता खफा हैं। कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के तमाम पदाधिकारी नाराज़ भी हैं और उन्होंने पार्टी फोरम पर अपनी बात भी रख चुके हैं। लेकिन कुछ ऐसे भी पदाधिकारी हैं जिनकी नाराज़गी इतनी बढ़ी की उन्होंने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा तक दे दिया है।
दरअसल कांग्रेस के माइनॉरिटी नेताओं (Minority Leaders) की नाराजगी की असल वजह भगवान राम का नाम खुलेआम लेना है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेता मानते हैं कि पीसीसी में भगवान राम के पोस्टर लगाने, दीए जलाने से कांग्रेस की सेक्यूलर इमेज को धक्का लगा है। कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के पदाधिकारी बेधड़क ये भी कहते हैं बड़े नेताओं को कम से कम भूमिपूजन (Bhoomi Poojan) की खुशी का इजहार पीसीसी दफ्तर में नहीं करना था। कांग्रेस के बड़े नेता अगर भगवान राम को दिल से मानते भी हैं तो वो बंद कमरे में अपनी आस्था दिखाते न कि उस दफ्तर में भगवा लहराते जिस दफ्तर में अल्पसंख्यकों का इमान जुड़ा है।
मध्यप्रदेश में टोपी और टीके की सियासत नई नहीं है, लोकसभा चुनावों (Loksabha Election) के दौरान खुद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जब सतना के चित्रकूट मंदिर गए थे तब भी बीजेपी ने कांग्रेस की टोपी-टीके को लेकर खिंचाई की थी। हालांकि कांग्रेस के अल्पसंख्यक नेताओं की नाराजगी से खुद कांग्रेस के सीनियर विधायक लक्ष्मण सिंह (Senior MLA Lakshmana Singh) भी इत्तेफाक रखते हैं। लक्ष्मण सिंह ने भी कहा कि कांग्रेस को अपनी रीति-नीति से अलग हटना भारी पड़ सकता है। लिहाजा कांग्रेस को अपनी सेक्यूलर इमेज को बनाए रखना होगा। उधर कांग्रेस में भगवान राम को लेकर चल रही खींचतान पर बीजेपी को एक बार फिर मौका मिल गया है, बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस अब न बहुसंख्यकों की रही न ही अल्पसंख्यकों की। क्योंकि कांग्रेस हमेंशा टोपी और टीके की ही राजनीति में उलझी रही है।
राम मंदिर के भूमिपूजन की खुशी कांग्रेस की सेहत पर ऐसा भी असर डालेगी पार्टी को शायद ये उम्मीद नहीं थी। अल्पसंख्यक नेताओं के बगावती अंदाज देखने के बाद पार्टी को डर है की अगले कुछ महीनों में होने वाले 27 सीटों के उपचुनाव पर इसका साइड इफेक्ट न पड़ जाए। क्योंकि बीजेपी टोपी औऱ टीके को लेकर कांग्रेस के भीतर ही चल रही खींचतान को चुनावों में बड़ा मुद्दा ज़रुर बनाएगी।