कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की पहल, अब पेट्रोल पंप पर करेंगे काम

भोपाल जेल प्रबंधन ने ये पहल की है और सेंट्रल जेल के सामने हिंदुस्तान पेट्रोलियम का पेट्रोल पंप बनाया गया है। यहाँ क़ैदियों को पेट्रोल भरने का काम दिया जाएगा और इसके लिए उन्हें हर रोज़ 500 रूपए पारिश्रमिक मिलेगा।

Prisoners to Work at Petrol Pump in Bhopal : जिन हाथों में कभी हथियार था..उन हाथों में अब काम हो। ऐसी ही पहल की गई है राजधानी भोपाल में और एक ऐसा पेट्रोल पंप का उद्घाटन हुआ है जहां जेल के क़ैदी पेट्रोल भरने का काम करेंगे। भोपाल जेल प्रबंधन ने ये पहल की है और भोपाल सेंट्रल जेल के ठीक सामने जेल विभाग की ही ज़मीन हिंदुस्तान पेट्रोलियम को उपलब्ध कराई गई है, जहां ये पेट्रोल पंप बनाया गया है।

इस पेट्रोल पंप में हर शिफ्ट में नौ क़ैदी काम करेंगे। इस काम के लिए इन्हें कंपनी की तरफ़ से 500 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से पारिश्रमिक मिलेगा। ओपन जेल के क़ैदी पेट्रोल पंप पर रिफिलिंग का काम करेंगे और जेल प्रबंधन द्वारा पेट्रोल पंप की निगरानी की जाएगी। वहीं जेल में जिन क़ैदियों का आचरण अच्छा है, उन्हें भी इस पेट्रोल पंप पर काम दिया जाएगा।

क़ैदी करेंगे पेट्रोल भरने का काम

जिन हाथों में कभी हथियार थे अब वो पेट्रोल पंप का नोजल थामेंगे। जेल प्रशासन ने बताया कि बंदी कल्याण के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के अंतर्गत ही ये पहल की गई है। क़ैदियों को समाज में स्थापित करने के लिए उन्हें किसी काम से जोड़ा जाए, ये ज़रूरी है। इसी कड़ी में हिंदुस्तान पेट्रोलियम के माध्यम से इस पेट्रोल पंप का उद्घाटन भोपाल में किया गया। सरकार की तरफ़ से ऐसे नौ पेट्रोल पंप बनाने की सैद्धांतिक सहमति दी गई है और इसी के तहत ये पेट्रोल पंप भोपाल सेंट्रल जेल के सामने खोला गया है। क़ैदियों को यहाँ काम करने के लिए कंपन की तरफ़ से ट्रेनिंग भी दी गई है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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