भोपाल।
राजधानी में सीएए और एनआरसी को लेकर विरोध की श्रृंखला लगातार जारी है। इस दौरान शनिवार को यहां जमीयत उलेमा हिंद ने हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत करीब सवा लाख हस्ताक्षर करवाकर राष्ट्रपति को भेजने की तैयारी की गई है। इधर शहर के इकबाल मैदान में जारी सत्याग्रह के दौरान हरदिन बड़ी तादाद में युवा, बुजुर्ग, महिला और पुरुष जुटकर अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं। शनिवार शाम को यहां शहर के कई नामवर शायरों ने जमा होकर कानून के साथ हो रही छेड़छाड़ पर अपना विरोध दर्ज कराया।
जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के प्रेस सचिव हाजी मोहम्मद इमरान हारून के नेतृत्व में भोपाल के इकबाल मैदान से डोर टू डोर हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया। इस दौरान दुकान-दुकान और घर-घर जाकर विरोध फार्म पर सहमति हस्ताक्षर करवाए गए। हाजी इमरान ने बताया कि जमीअत उलमा का ये हस्ताक्षर अभियान शांतपूर्वक ढंग से चलाया जा रहा है, जिसमें हर धर्म, वर्ग से एनआरसी-सीएए के विरोध में समर्थन लिया जा रहा है। लाखों की संख्या में हस्ताक्षर होने तक अभियान चलाया जाएगा, उसके पश्चात हस्ताक्षर प्रतिलिपि ज्ञापन के साथ राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश को भेजा जाएगा, ताकि इस काले क़ानून को वापस लिया जा सके। इस मौके पर हाजी मोहम्मद इमरान ने कहा कि हिंदुस्तान में सरकारें आमजन के मतदान से बनती हैं और बिगड़ती हैं, तो सत्ता में बैठी सरकारों को भी चाहिए कि वो हिन्दुस्तनियों की भावनाओं का ख्याल रखें। इस वक्त करोड़ों हिंदुस्तानी इस काले कानून के विरोध में सड़कों पर हैं और ये उनका मत है कि इस काले क़ानून को वापस लिया जाए और 135 करोड़ हिन्दुस्तनियों की भावनाओं का ख्याल रखा जाए। हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत जमीअत उलमा मध्यप्रदेश के अध्यक्ष हाजी मोहम्मद हारून के मार्गदर्शन में की गई है। जिसमें मोहम्मद कलीम एडवोकेट, हाफिज ईस्माइल बैग, मुजाहिद मोहम्मद खान, मुफ्ती मोहम्मद राफे, मोहम्मद यासिर, हनीफ अय्यूबी, मौलाना सउफुर रेहमान आगा आदि शामिल थे।
सत्याग्रह जारी
इकबाल मैदान पर जारी सत्याग्रह के दौरान हरदिन बड़ी तादाद में युवा जुट रहे हैं। इस दौरान शहर के बुजुर्ग और बुद्धिजीवियों ने भी अपना योगदान देने का क्रम बना रखा है। बिना किसी संस्था बैनर के खुले मंच के रूप में किए जा रहे इस सत्याग्रह में शहर के बुद्धिजीवियों ने भी शिरकत करने की शुरूआत कर दी है। शुक्रवार को यहां एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था तो शनिवार शाम इस सत्याग्रह को बल देने के लिए शहर से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय शायरों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। इस मौके पर अंतर्राष्ट्रीय शायर मंजर भोपाली, डॉ. युनूस फरहत, डॉ. मेहताब आलम, जफर सहबाई, विजय तिवारी, जिया फारुखी, आरिफ अली आरिफ आदि ने अपने कलाम के जरिये एनआरसी और सीएए के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
रैली को लेकर चर्चाएं गर्म
रविवार को पुराने भोपाल से निकलने वाली एक विरोध रैली को चर्चाओं का दौर गर्म है। आरिफ नगर क्षेत्र से निकाली जाने वाली इस रैली का स्थान परिवर्तन कर अब इसकी शुरूआत डीआईजी चौराहा से करने का ऐलान किया गया है। भोपाल टॉकीज चौराहा तक आने वाली इस रैली के दौरान बड़ी तादाद में धर्मगुरू और सभी समाजों के लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि रैली के दौरान किसी गड़बड़ी की अंदरुनी सूचनाओं को लेकर पुलिस और जिला प्रशासन पूरी तरह चौकस है और जरूरी इंतजाम में जुट गया है।
युवाओं का जोश, शहर का सहयोग
राजधानी के इकबाल मैदान पर जारी सत्याग्रह में वैसे तो अधिकांश युवा और अलग-अलग संस्थाओं के लोग जुट रहे हैं, लेकिन इस सत्याग्रह को बल देने के लिए पीछे से कई अनजान लोग सहयोग कर रहे हैं। कड़ाके की सर्दी में सारी रात यहां जमा रहने वाले युवाओं के लिए जहां अलाव तापने के लिए लकडिय़ों के इंतजाम गुपचुप तरीके से किए जा रहे हैं, वहीं बिना किसी से मांगे यहां रजाई, गद्दों, कंबल और चादर के इंतजाम भी कर दिए गए हैं। युवाओं में ताजगी बनाए रखने के लिए गोपनीय तरीके से चाय-नाश्ते की व्यवस्था भी कहीं से हो जाती है। विजय कुमार, अब्दुल्लाह, जावेद बेग से लेकर फरहान खान और दर्जनों लड़कियां इस सत्याग्रह को लीड कर रहे हैं। शाहवेज सिकंदर और उनके साथियों का कहना है कि सत्याग्रह का मकसद महज सरकार को गहरी नींद से जगाना है। शहर के बुद्धिजीवियों को जोडऩे के सिलसिले में यहां डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील, सीनियर सिटीजन्स, पत्रकार, शिक्षक और अन्य वर्ग अलग-अलग दिन जुटकर अपना विरोध दर्ज कराएंगे।