क्यो भाया कमलनाथ को हमीदिया

Published on -

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के हाथ का आपरेशन भोपाल के हमीदिया अस्पताल में किया गया था। उनके इस कदम की देश भर में सराहना की गई कि वीवीआईपी कल्चर को तोड़ते हुए उन्होंने अपने इलाज के लिए राजधानी का सरकारी अस्पताल चुना। बताया जाता 30 साल बाद किसी मुख्यमंत्री ने सरकारी अस्पताल में अपना इलाज करवाया। उनसे पहले पूर्व मुख्यमंत्री अर्जन सिंह यहां अपने इलाज के लिए आए थे। लेकिन इन सबके बीच बड़ा सवाल यह है कि ऐसी कौन सी व्यवस्था सीएम को सरकारी अस्पताल में ले आई। भोपाल संभागायुक्त कल्पना श्रीवास्तव ने हमीदिया अस्पताल की सूरत बदलने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। यही बड़ी वजह बनी की प्रदेश के मुख्यमंत्री ने देश के बड़े अस्पताल की चौखट के बजाए सरकारी अस्पताल पर इलाज के लिए भरोसा जताया। 

चार माह पहले पदभार सँभालते ही हमीदिया अस्पताल की व्यवस्थाओं में स्वागत योग्य सुधार किये गए हैं। कमिश्नर कल्पना श्रीवास्तव ने अस्पताल के साथ साथ गांधी मेडिकल कॉलेज में भी बड़े बदलाव किए हैं। उनके नेतृत्व में प्रदेश की पहली वायरोलॉजी लैब की सौगात अस्पताल को मिली है। यही नहीं, गांधी मेडिकल कॉलेज सालों से पार्किंग कि समस्या से जूझ रहा था। कमिश्रनर ने इस समस्या का भी समाधान मल्टी लेवल पार्किंग बनवाकर कर दिया। 

MP

इन उपलब्धियों को किया हासिल

हमीदिया अस्पताल में कार्डियोथोरेसिक ऑपरेशन थियेटर की स्थापना और संस्थान में पहली ओपन हार्ट सर्जरी की गई। कॉलेज के न्यू एडमिनिस्ट्रेटि��� ब्लॉक और 340 सीटेड गर्ल्स हॉस्टल का निर्माण पूरा। परिसर की सीमा का सीमांकन। पीजी कोर्स को लेकर एक समिति गठित की गई है। यह समिति पढ़ाई और रिसर्च गतिविधियोंं पर ध्यान देगी।  गांधी मेडिकल कॉलेज में भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित एक बहु अनुशासनात्मक अनुसंधान इकाई शुरू की गई है। जून में सिविल निर्माण का काम चल रहा है और खत्म होने की संभावना है। इकाई अंतर विभागीय और उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान को सक्षम करेगी। आयुष्मान भारत योजना का सफल क्रियान्वयन। संस्थान ऑनलाइन प्रसंस्करण कर रहा है और सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के बीच राज्य में दूसरा स्थान है।

मरीज़ों से किस तरह करें व्यवहार इसके लिए खास कार्यक्रम भी चलाया गया।स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए और रोगी की जरूरतों को समझने के लिए मरीज और स्टाफ के बीच रिलेशनशीप पर एक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया गया है। मॉड्यूल को प्रशिक्षण सत्र के लिए सभी एचओडी को वितरित किया गया है, पैरामेडिकल स्टाफ के लिए 445 नर्सों को रोगी और स्टाफ संबंधों के लिए प्रशिक्षित किया गया है। ऑनलाइन पास प्रणाली शुरू की गई है जिससे सुरक्षा प्रणाली में सुधार हुआ है क्योंकि डुप्लिकेट पास और पायलटों को रोक दिया गया है, चेकलिस्ट और रिपोर्टिंग प्रारूप लागू किया गया है। डॉक्टरों के ड्यूटी रूम एसी और वाटर-कूलर जैसी आवश्यक सुविधाओं के साथ पुनर्निर्मित हैं।  2000 बिस्तर वाले अस्पताल के काम में तेजी लाई गई है, निरंतर प्रतिक्रिया के साथ समय सीमा तय की गई है।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News