कैंसर मरीजों के लिए राहत-जिला चिकित्सालय भोपाल में हुई ओरल कैंसर स्क्रीनिंग, पहली बार आधुनिक उपकरणों का उपयोग

अस्पताल के डेंटल विंग में यह जांच निशुल्क की जा रही है। इसके माध्यम से शुरुआत में ही डायग्नोसिस किया जा सकता है जिससे Late Diagnosis के कारण होने वाली विरूपता व अन्य परेशानियों से बचा जा सकता है।

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BHOPAL NEWS : जिला चिकित्सालय भोपाल में पहली बार ओरल कैंसर स्क्रीनिंग एवं उपचार हेतु ऑटोफ्लोरेंस आधारित उपकरण Velscope एवं GOCCLES की विशेष सुविधा शुरू हो गई है।

जांच निशुल्क

अस्पताल के डेंटल विंग में यह जांच निशुल्क की जा रही है। इसके माध्यम से शुरुआत में ही डायग्नोसिस किया जा सकता है जिससे Late Diagnosis के कारण होने वाली विरूपता व अन्य परेशानियों से बचा जा सकता है। स्क्रीनिंग हेतु दंत रोग विशेषज्ञों डॉ रुचिता खाड़े, डॉ शिवांगिनी नायक, डा हुमेरा , डॉ शैजाह अनीस , डॉ अपेक्षा कीड्यूटी लगाई गई है। जिला चिकित्सालय में उपलब्ध इस विशेष जांच के संबंध में अस्पताल प्रबंधक प्रेमचंद गुप्ता , मो नं 8319749060 पर संपर्क किया जा सकता है।

ऐसे पहचाने लक्षण और बीमारी 

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि मुंह में सफेद अथवा लाल चकत्ता या घाव होना, मुंह की किसी जगह की त्वचा का कड़ा होना, चबाने, निगलने या बोलने में कठिनाई होना, मुंह खोलने में कठिनाई होना, आवाज में परिवर्तन होना आदि Oral Cancer के लक्षण हो सकते हैं।तंबाखू उत्पादों जैसे गुटखा, खैनी, जर्दा , बीड़ी, सिगरेट का उपयोग करने वालों में Oral Cancer होने की आशंका अन्य लोगों से बहुत अधिक होती है।अतः उपरोक्त लक्षणों वाले लोगों व तंबाकू का उपयोग करने वालों को आवश्यक रूप से स्क्रीनिंग करवाते रहना चाहिए। असंचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत कैंसर स्क्रीनिंग एवं उपचार की सुविधा निशुल्क है।

लगातार बढ़ रही संख्या 

Oral Cancer मुंह के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकता है। जिनमें मसूड़े, जीभ, गालों के अंदर या होंठ शामिल हैं। वर्तमान में देश में हर साल 12 ये 13 लाख लोगों की मृत्यु तंबाकू से होने वाली बीमारियों से होती है । मध्य प्रदेश में 37 % जनसंख्या द्वारा किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन किया जा रहा है । तंबाखू से कई तरह के कैंसर का खतरा होता है। मुंह के कैंसर के प्रकरण सर्वाधिक भारत ही हैं । भारत में कैंसर के कुल पीड़ितों में 18 से 20 प्रतिशत लोगों को Oral Cancer होता है।

बढ़ता खतरा 

तंबाकू के बढ़ते खतरे का असर 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों एवं युवा वर्ग में तेजी से फैल रहा है। साथ ही पुरुषों के साथ युवा महिला वर्ग में भी इसका सेवन तेजी से बढ़ रहा है| तंबाकू में मौजूद निकोटीन शरीर में जहर की तरह कार्य करता है | भारत सरकार द्वारा तंबाकू उत्पादों के उपभोग को हतोत्साहित करने हेतु सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद (व्यापार वाणिज्य उत्पादन आपूर्ति एवं वितरण के विज्ञापन एवं विनियमन निबंध) अधिनियम कोटपा 2003 लागू किया गया है।

नागरिकों की जिम्मेदारी 
अतः यह नागरिकों के हित में है कि वे स्वयं तंबाकू व तंबाकू उत्पादों के सेवन से दूर रहें तथा बच्चों व किशोरों को इसकी तरफ़ जाने से रोकें। किसी भी तरह की शंका होने या लक्षण दिखाई देनें पर चिकित्सकीय जाँच अवश्य करायें।


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Sushma Bhardwaj

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