विपक्षी विधायकों पर शिकंजा कसने की तैयारी, गर्भगृह में जाना होगा प्रतिबंधित

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भोपाल| मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज हो चुका है और सत्र की शुरुआत में ही एक नया विवाद सामने आ गया है| जिसको लेकर सदन में हंगामे के आसार है| विधानसभा में सदन के दौरान विधायकों का गर्भ गृह में जाने पर प्रतिबन्ध लगाने की तैयारी की जा रही है| नियम समिति ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है| जिसके खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं| बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने इस पर आपत्ति जताई है| 

दरअसल, सदन की कार्यवाही के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों में तीखी नोंकझोंक और हंगामे अक्सर होते हैं और यह हंगामा तब और बढ़ जाता है, जब विधायक गर्भगृह में जाकर नारेबाजी करने लगते हैं, कई बार पर्चे फाड़े जाते हैं| यह दृश्य अक्सर देखे जाते हैं| लेकिन अब इस पर प्रतिबन्ध की तैयारी है| नियम समिति ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है, जो विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा| इस प्रस्ताव के अनुसार सदन की कार्रवाई के दौरान जो विधायक गर्भगृह में पहुंचेगा, वह उस दिन की कार्रवाई के लिए स्वत: निलंबित माना जाएगा।

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पहली दिन की कार्रवाई दिवंगतों को श्रद्धांजलि देने के बाद मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है|  बजट सत्र में नियम समिति के इस प्रतिवेदन को रखकर सात दिन तक आपत्ति मांगी जाएगी। आपत्ति नहीं मिलने पर नियम स्वत: लागू हो जाएगा अन्यथा सदन में चर्चा के बाद इसे लागू किया जाएगा। दूसरी ओर भाजपा इस नियम के विरोध में लामबंद होने की तैयारी में है। भाजपा विधायक अध्यक्ष से आग्रह करेंगे कि सिर्फ गर्भगृ़ह में जाने पर विधायक को निलंबित न किया जाए। अभी यह नियम छत्तीसगढ़ विधानसभा में लागू है। मध्यप्रदेश में फिलहाल अध्यक्ष को किसी भी सदस्य को एक दिन, पांच दिन और 10 दिन तक सदन की कार्रवाई से निलंबित करने का अधिकार है। नया नियम आता है तो विधायक गर्भगृह में जाते ही निलंबित हो जाएगा, विपक्षी दल के सदस्य इसे कठोर नियम कहकर विरोध कर रहे हैं।

बीजेपी विधायक अजय विश्नोई ने इसका विरोध किया है| उनका कहना है कि गर्भ गृह में जाकर अपना विरोध जताना विधायक का अधिकार है, प्रस्ताव यदि पेश हुआ तो विपक्ष इस प्रस्ताव पर विरोध जतायेगा| 


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