भोपाल। मध्यप्रदेश का राजनीतिक ड्रामा खत्म होने के नाम ही नहीं ले रहा, एक खत्म तो दूसरा शुरू हो जाता है। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कुछ कांग्रेस मंत्री बागी विधायकों से मिलने बेंगलुरु पहुंचे थे। लेकिन कर्नाटक पुलिस ने उन्हें होटल के बाहर ही रोक दिया उसके बाद दिग्विजय सिंह ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर कर विधायकों से मिलने की अनुमति मांगी लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी।
बेंगलुरु से खाली हाथ लौटने के बाद मंत्री तरुण भनोट ने मीडिया से बाते करते हुए कहा कि संविधान की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है, लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया जा रहा है और जो न्याय प्रक्रिया है उसकी भी हत्या भारतीय जनता पार्टी के द्वारा की जा रही है। उन्होने कहा कि जिस सरकार को जनता का विश्वास हासिल है वह किसी भी विश्वास मत को हासिल कर सकता है। मैं बार-बार इस बात को दोहरा रहा हूं कि मध्यप्रदेश में माननीय कमलनाथ के नेतृत्व में जो सरकार काम कर रही है, उसको जनता का विश्वास हासिल है और जहां तक माननीय मुख्यमंत्री का बागी विधायकों से मिलने सवाल है तो वो उनके विवेक और निर्णय पर निर्भर करता है। यदि वह अपनों से मिलने का प्रयास कर रहे हैं तो उन्हें बेंगलुरु जाना चाहिए। दिग्विजय सिंह अभी बेंगलुरु में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं।