भोपाल। मध्य प्रदेस कांग्रेस अध्यक्ष के पद पर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को देखने की चाहत रखने वाले सिंधिया समर्थक आपस में ही उलझते दिख रहे हैं। ग्वलियार में सिंधिया समर्थकों के बीच गुटबाज़ी उजागर हो रही है। जिसके कारण कु छ पार्षदो ने अपने ही मंत्री के खिलाफ सिंधिया के पास शिकायत करने का मन बना लिया है। पार्षदो का कहना है कि उनको वार्ड में काम नहीं करने दिया जा रहा है, क्योंकि मंत्री अपने लोगों को आगे कर काम कराने में लगे हुए है।
कांग्रेस में गुटबाज़ी थमने का नाम नहीं ले रही है। चाहें कोई भी क्षत्रपों हों सभी के समर्थक आपस में एक दूसरे से भिड़ते दिख रहे हैं। ताज़ा मामला सिंधिया खेमे का सामने आया है। इसके पीछे कारण यह भी है कि कांग्रेस सरकार बॉर्डर पर है जिसके कारण हर विधायक वार्गनिंग कर रहा है। जिसके कारण मंत्री भी परेशान हैं और अधिकारी भी। हर क्षत्रप अपनी राजनीति बनाएं रखने के लिए अपने समर्थकों को हवा देने का काम कर रहे है।
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मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर वैसे तो अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य कराने के लिए खासे सजग है ओर पानी से लेकर बिजली समस्या की जानकारी लेने के लिए भी रात को लोगों के दरवाजे खटखटाकर उनसे पूछ रहे है, लेकिन अब कुछ पार्षदों ने उनके खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। पार्षदो का कहना है कि नगर निगम के चुनाव नजदीक आने के कारण मंत्री अपने चहेतो को उपकृत कर आगे करने में लगे हुए है ताकि उनको टिकट मिल सके। यही कारण है कि उनके वार्ड में विकास कार्यो में अडंगा लगाया जा रहा है। पार्षदो का यह भी कहना है कि वह अपने वार्ड में विकास कार्य के लिए निगम अधिकारियों से काम स्वीकृत कराते है, लेकिन उनके काम को जानबूझकर रुकवाने क ा काम किया जा रहा है जिसके कारण वार्ड के लोग परेशान हो रहे है।
नगर निगम के चुनाव साल के अंत में होने है। जिसके कारण पार्षद बनने के लिए अभी से रणनीति के तहत काम किया जाने लगा है। कांग्रेस को यह नहीं पता कि वर्तमान में कांग्रेस के पार्षद मात्र 10 है ओर ऐसी स्थिति शायद ही पहले कभी आई हो, लेकिन इसके बाद भी अपने दल के लोगों के साथ ही राजनीति का खेल खेला जा रहा है। सिंधिया के लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेसी उनके पास शिकायत करने जाने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं, क्योंकि उनको यह अहसास है कि महाराज अपनी हार से स्वंय परेशान हैं ऐसे में उनको क्यों परेशानी ओर दी जाएं। कांग्रेस के 5 पार्षद ऐसे है जो मंत्री की कार्यप्रणाली से नाराज बताएं जा रहे है। वैसे उक्त पार्षदो को कांग्रेस का एक गुट हवा देकर समर्थन देने में लगा हुआ है ताकि मंत्री की शिकायत सिंधिया तक पहुंच सके। इस मामले को लेकर पांच पार्षद जल्द ही दिल्ली जाकर सिंधिया से शिकायत करेंगे और वहां से अगर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला तो पार्षद पद से इस्तीफा भी दे सकते है।