भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को लेकर लंबे समय से चल रही कवायद के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर मध्य प्रदेश में सक्रिय हो गए हैं। लेकिन सिंधिया इस बार एक अलग अंदाज में नजर आ रहे हैं। अब तक अपने समर्थकों के बीच ही घिरे रहने वाले सिंधिया सबका साथ जुटाने अन्य गुटों के नेताओं के घर पहुंचकर चाय नाश्ता पर मुलाकात कर रहे हैं। सियासी गलियारों में इसे समन्वय की राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
दरअसल भोपाल दौरे पर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंत्री गोविंद सिंह के निवास पर हुई डिनर पार्टी से मेल मिलाप का कार्यक्रम शुरू किया। इसके अगले दिन सिंधिया सुबह पीएचई मंत्री सुखदेव पांसे के घर चाय नाश्ते पर पहुंचे। पांसे कमलनाथ खेमे के नेता माने जाते हैं। वहीं रविवार को सिंधिया अचानक मंत्री विजय लक्ष्मी साधौ के बंगले पर पहुंचे। अचानक तय हुए इस कर्यक्रम में सुरेश पचौरी को विशेष रूप से बुलाया गया।सिंधिया के पहुंचने से पहले ही पचौरी पहुंच गए। इसके बाद सिंधिया समर्थक मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी भी पहुंचे। इसके बाद सिंधिया भी पहुंच गए। मंत्री सिलावट भी सिंधिया के साथ पहुंचे। काफी देर तक इन नेताओं के बीच चर्चा होती रही। वहीं सिंधिया के आस पास मंत्रियों के जमावड़े से भी सियासत गरमाई हुई है।
पीसीसी चीफ को लेकर सिंधिया का नाम लंबे समय से दौड़ में आगे चल रहा है लेकिन सबकी सहमति न बन पाने के चलते अब तक सिंधिया की प्रदेश में भूमिका तय नहीं हो पाई। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद से ही उनके समर्थक तेजी से इसकी मांग उठा रहे हैं। इस बीच उनका नाम राज्यसभा की खाली हो रही सीटों के दावेदार के रूप में भी सामने आ रहा है। दोनो ही मौकों पर सिंधिया को सबका साथ जरूरी है। इसलिए सिंधिया एक बार फिर माहौल बनाने की कोशिश में जुट गए हैं। हालांकि सिंधिया बार बार कह चुके हैं कि उन्हें कुर्सी और पद का लालच नही है वे जनसेवा करना चाहते हैं। इधर सिंधिया को प्रदेश की राजनीति से दूर रखने के बाद अब उनकी सक्रियता से सियासी गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं।