भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
कोरोना संक्रमण का देखो अब आर्थिक स्थितियों पर भी साफ नजर आने लगा है। आम जनता के साथ-साथ अब सरकारी खजाना पर भी कोरोना की नजर लग गई है। जिसके बाद भारी आर्थिक संकट से जूझ रही शिवराज सरकार ने एक बार फिर 1000 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है।
दरअसल कोरोना संकट काल से जूझ रहे प्रदेश सरकार इससे पहले भी 4000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। वही शिवराज सरकार वित्तीय प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए अब हर माह भारतीय रिजर्व बैंक के माध्यम से वित्तीय संस्थानों से कर्ज लेने की योजना में है। जिसके तहत जुलाई में 2000 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया जा चुका है। केंद्र सरकार ने राज्य को लगभग साढ़े 14 हजार रुपए का कर्ज देने की अनुमति दी थी। माना जा रहा है कि कोरोना संक्रमण की वजह से आर्थिक गतिविधियां चरमरा गई है।यहां पर देश में औद्योगिक गतिविधियों को पटरी पर लाने के साथ निर्माण कार्य की गति को भी बढ़ावा देना है। जिसको लेकर प्रदेश सरकार बजट में लगभग 28 हजार करोड़ रुपए पहले ही घटा चुकी है।
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले महीने व्यक्ति सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की थी। जहां उन्होंने सख्त निर्देश दे दिए थे कि अनावश्यक खर्च पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने अपने वेतन भत्ता का 30 फीसदी हिस्सा सितंबर तक मुख्यमंत्री राहत कोष में देने का फैसला भी किया था। वही राज्य के पूर्व से तय सीमा के भीतर लिए जाने वाले कर्ज को इस रणनीति से खर्च किया जा रहा है। जिससे प्रदेश की रुकी हुई परियोजना को बल मिल सके।