भोपाल। मध्य प्रदेश में भाजपा पूरे जोर शोर से विधानसभा चुनाव लड़ी। नीजे आने में सिर्फ तीन बचे हैं। 11 दिसंबर को प्रत्योशियों का बही-खाता सबके सामने होगा। लेकिन सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी के दो मंत्रियों का सरकारी सेवा का मोह कम होता नहीं दिखाई दे रहा है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शिवराज सरकार को मंत्री जयभान सिंह पवैया और मंत्री संजय पाठक ने राजधानी पहुंचते ही सरकारी सेवाएं लेना शुरू कर दिया। यह जानते हुए कि प्रदेश में आचार संहिचा लागू है।
जानकारी के अनुसार राजधानी पहुंचे मंत्री पवैया और मंत्री पाठक ने बरकतउल्ला विश्वविद्यालय प्रबंधन से सरकारी वाहन भेजने के लिए कहा। बियू प्रबंधन की ओर से दोनों नेताओं को बंगले पर वाहन भेज दिए गए। जबकि दोनों मंत्रियों ने विभाग से सरकारी गाड़ी लेने के अलावा विश्वविद्यालय से भी नई गाडियां ले रखी थीं। यूनिवर्सिटी के वाहनों का प्रयोग परीक्षा कार्यों के लिए किया जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दोनों मंत्रियों ने विश्वविद्यालय के खर्च पर अपने लिए गाडिय़ां ले रखीं हैं।
पवैया निवर्तमान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री हैं जबकि संजय पाठक इसी विभाग के राज्यमंत्री हैं। पवैया के पास एमपी 04-बीए-78 17 तथा पाठक के पास एमपी04-सीसी-4702 नंबर से रजिस्टर्ड गाडिय़ां हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 6 अक्टूबर को प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता प्रभावशील होने के बाद भी इन दोनों मंत्रियों ने विश्वविद्यालय के वाहन नहीं लौटाये थे। इस मामलेे में मीडिया में खबरें प्रकाशित होने के बाद दबाव पडऩे पर 26 अक्टूबर को वाहन वापस लौटाए। आचार संहिता के दौरान सरकारी वाहन इस्तेमाल करने के मामले में ये दोनों मंत्री आचार संहिता उल्लंघन के फेर में न पड़ जाएं। , इससे बचने के लिए अधिकारियों से सांठ-गांठ कर वाहन की लॉग बुक में उस अवधि में वाहन का उपयोग गोपनीय शाखा के कामकाज में होना बता दिया, जबकि दोनों वाहन मंत्रियों के बंगलों पर ही थे। इधर दोनों मंत्रियों के दबाव के बाद विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आचार संहिता खत्म होने के पहले ही फिर से यह वाहन दोनों मंत्रियों के बंगलों पर भेज दिए।