भोपाल।
मध्यप्रदेश में इन दिनों भूमिपूजन और लोकार्पण को लेकर जमकर सियासत हो रही है। सत्ता पक्ष कांग्रेस और विपक्ष बीजेपी आमने-सामने हो चले है और एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे है। राजधानी भोपाल में बीजेपी विधायक विश्वास सारंग द्वारा विवेकानंद थीम पार्क के लोकार्पण पर हुए विवाद के बाद मंगलवार को ग्वालियर में बडा हंगामा हुआ है, भाजपाईयों और पुलिस में ना सिर्फ झड़प हुई बल्कि बात हाथापाई तक उतर आई।हद तो तब हो गई जब गुस्साई भाजपा नेता ने अधिकारी को थप्पड़ जड़ दिया। हालांकि इस बवाल के बीच भी आखिरकार गुना सांसद और यूपी के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक हजार बिस्तर वाले अस्पताल का लोकार्पण कर ही दिया। इसको लेकर अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सिंधिया पर हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार नए कार्य स्वीकृत नहीं करा पा रही।ऐसे में हमारा जूठन खाने से क्या फायदा।
शिवराज सिंह का कहना है कि कमलनाथ सरकार भाजपा शासन में हुए विकास कार्यों का दोबारा लोकार्पण और शिलान्यास कराने में जुटी हुई है। 1000 बिस्तर के अस्पताल का मैं पहले ही शिलान्यास कर चुका था, उसका शिलान्यास करने ज्योतिरादित्य सिंधिया पहुंच गए। शिलान्यास का इतना ही शौक है तो नए काम स्वीकृत कराएं।हमारी जूठन खाने से क्या फायदा। वहीं BJP के जनप्रतिनिधियों से शिवराज सिंह ने अपील करते हुए कहा अपने संवैधानिक अधिकारों का हनन न होने दें। अगर शिलान्यास लोकार्पण से बाहर रखे जाते हैं, सरकारी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता है तो भी जाएं अपनी बात रखें. सरकार साफ सुन ले, दमन से हम दबने वाले नहीं हैं। शिवराज के इस बयान के बाद सियासी पारा चरम पर पहुंच गया है। कांग्रेस लगातार पलटवार कर रही है। इससे पहले केन्द्रीय मंत्री और ग्वालियर सांसद नरेन्द्र सिंह तोमर ने सिंधिया को आडे हाथ लेते हुए शिलान्यास करने की यदि भूख है तो कांग्रेस की प्रदेश सरकार नए प्रोजेक्ट लाकर उनका शिलान्यास करे। यदि कांग्रेस के नेता ग्वालियर के विकास के हिमायती हैं तो रोप वे का काम क्यों शुरू नहीं करा पाए। कांग्रेस घड़ियाली आंसू बहाती है और बेबुनियाद आरोप लगाती है।
बीते दिनों भी बोला था हमला
इससे पहले शिवराज ने राजधानी भोपाल में बीजेपी विधायक विश्वास सारंग द्वारा विवेकानंद थीम पार्क के लोकार्पण पर हुए विवाद ,कांग्रेस द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने और इंदौर में महापौर मालिनी गौड़ की उपेक्षा करने पर हमला बोला था। शिवराज ने कहा था कि कमलनाथ सरकार व उनके मंत्री ध्यान रखें, यह जनप्रतिनिधियों का अपमान नहीं; जनता का अपमान है, बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कांग्रेस अगर ऐसी राजनीति करना चाह रही है तो हम यह लड़ाई जनता के साथ सड़क पर लड़ने को मजबूर होंगे। कांग्रेस के षड्यंत्र की राजनीति को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।विश्वास सारंग को जनता ने अपना आशीर्वाद दिया है, उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में किए गए विकास कार्यों से विकास पुरुष की छवि बनाई है। कमलनाथ सरकार को ध्यान रखना होगा कि विश्वास सारंग का अपमान नरेला की जनता का अपमान है।इसके पूर्व इंदौर की महापौर मालिनी गौड़ और भोपाल के महापौर अलोक शर्मा के साथ-साथ अन्य जनप्रतिनिधि भी कांग्रेस सरकार की ओछी और स्तरहीन राजनीति से परिचित हो चुके हैं, जिसे प्रदेश की जनता ने भी बहुत करीब से महसूस किया है।
नेता प्रतिपक्ष ने विधायको को लिखा था पत्र
इधर, भाजपा के वरिष्ठ विधायक व नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने अपने विधायकों को पत्र लिख कर कहा है कि वे विकास कार्यों का खुलकर लोकार्पण करें। भूमिपूजन करें। यह उनका अधिकार है। यदि भाजपा विधायकों के साथ गलत व्यवहार होता है तो सड़कों पर उतरकर खुला विरोध करेंगे।
ये है पूरा मामला
बीते गुरुवार-शुक्रवार को भोपाल में मंत्री पीसी शर्मा और विधायक विश्वास सारंग के बीच पार्क के लोकापर्ण को लेकर हुए विवाद के बाद मंगलवार को ग्वालियर में भी दोनों दलों के नेताओं के बीच जमकर धमासान हुआ। एक हजार बिस्तर के अस्पताल के भूमिपूजन कार्यक्रम का विरोध करने पहुंचे भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में टकराव हुआ। भाजपा का दावा है कि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान इस अस्पताल का 2009 में भूमिपूजन कर चुके हैं, जबकि कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया दोबारा इसका भूमिपूजन करने आए हैं। अनूप मिश्रा का कहना था कि फिर से भूमिपूजन कर कांग्रेस गलत काम कर रही है और श्रेय की राजनीति कर रही है। प्रशासन ने ग्वालियर सांसद नरेंद्र सिंह का अपमान किया है प्रोटोकॉल उन्हें अतिथि के साथ बैठाया जाना था लेकिन उन्हें विशिष्ट अतिथि बना दिया। इस बीच पुलिस और भाजपाईयों के बीच जमकर विवाद भी हुआ ।भाजपा नेताओं ने सड़कों पर उतरकर जमकर प्रदर्शन किया। जब भाजपा नेता वहां से नहीं हटे तो पुलिस ने लगभग 150 भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस विधायक मुन्नालाल गोयल का रास्ता रोककर उनकी गाड़ी की तोड़फोड़ की। पुलिस ने जैसे-तैसे विधायक को भीड़ से बचाया। इसके बाद पहले पानी की धार फेंककर भाजपाइयों को खदेड़ने का प्रयास किया, फिर लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस ने 345 लोगों को गिरफ्तार कर बाद में छोड़ दिया।