भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (bhopal) के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में आए दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहता है। वहीं बुधवार से जारी धरना-प्रदर्शन गुरुवार को बड़ा रूप ले लिया। करीब तीन से चार हजार विद्यार्थी मैनिट के मुख्य द्वार के सामने मैनिट प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन कर रहे है साथ ही छात्रों ने परिसर के दोनों गेटों पर ताला लगा दिया। जिससे आने-जाने का रास्ता बंद हो गया।
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बता दें कि प्रबंधन ने परीक्षा में बैठने के लिए 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य का आदेश जारी किया। जिसके विरोध में यह प्रदर्शन किया जा रहा है, वहीं इस आदेश पर छात्रों का कहना है कि अलग-अलग एक्टिविटी के कारण छात्रों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम है। छात्रों की आपत्ति है कि ऐसी स्थिति में 75 प्रतिशत या उससे अधिक अटेंडेंस होना मुश्किल है। इस मामले में छात्रों ने बुधवार को प्रबंधन से बातचीत भी की। मगर यह बातचीत किसी नतीजे तक पहुंचने में नाकाम रही। इसके बाद छात्र-छात्राएं परिसर में एकजुट होकर नारेबाजी करने लगें। फिर प्रंबधन ने विकल्प दिए हैं कि अटेंडेंस पूरी नहीं होने वाले स्टूडेंट सेमेस्टर खत्म होने तक 75% अटेंडेंस पूरी करें।
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प्रबंधन ने कहा कि 2 सितंबर तक चलने वाले मिनी टेस्ट में शामिल नहीं होने वाले छात्रों के लिए अलग से मिनी टेस्ट आयोजित किया जाएगा। लेकिन किसी प्लेसमेंट एक्टिविटी या आधिकारिक गतिविधि में लगे हैं तो उन्हें संबंधित फैकल्टी इंचार्ज या टीपीओ से वेरिफाई कराकर परमिशन लेनी होगी। उधर छात्रों ने कहा कि हम सभी प्लेसमेंट की तैयारी कर रहे हैं, और लगभग हर रोज नई कंपनियां आ रही हैं और हमें कौशल के एक अलग सेट के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। कंपनियों के लिए आवेदन करते समय हमें पीपीटी में भी भाग लेना होता है जो कक्षा के दौरान भी होता है।
छात्र नवंबर में कैट परीक्षा, फरवरी के पहले सप्ताह में गेट परीक्षा, पिछले सप्ताह जनवरी में यूपीएससी इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा और मई में यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के लिए उपस्थित होने जा रहे हैं। इसलिए उस तैयारी के लिए हमें कॉलेज प्रशासन से समय और समर्थन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एचआर कोई छुट्टी देने के लिए सहमत नहीं हैं इसलिए हम कॉलेज में एनपीटीईएल या ऑफलाइन परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएंगे। यदि हमें एनपीटीईएल या कॉलेज के बाहर की परीक्षाओं में कोई बैकलॉग मिलता है तो हमारे प्रस्तावों को रद्द कर दिया जाएगा और पिछले 5-6 वर्षों से छात्रों की पूरी मेहनत बर्बाद हो जाएगी। इसलिए हमें कॉलेज प्रशासन से पूरा सहयोग चाहिए क्योंकि कॉलेज की नीतियां छात्रों के पक्ष में होनी चाहिए। प्रशासन को छात्रों के पक्ष में लचीली नीतियां बनानी चाहिए। हमारे जूनियर्स के लिए केवल अंतिम सेमेस्टर में 75% उपस्थिति मानदंड और उनकी उपस्थिति प्रतिशत की परवाह किए बिना उन्हें मिनी टेस्ट और मिड सेम में उपस्थित होने की अनुमति दी जानी चाहिए।