भोपाल। बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में गिरावट आने के बाद स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों की परीक्षा लेने का मामला अब विवादों में घिर गया है| एक तरफ जहां शिक्षकों के संगठनों ने इसका विरोध जताया है, वहीं विभाग द्वारा इस परीक्षा के लिए बनाई गई अजीबो गरीब गाइडलाइन भी चर्चा का विषय बन गई है| आयुक्त, लोक शिक्षण ने आदेश जारी कर स्पष्ट किया है कि इस परीक्षा का उद्देश्य शिक्षकों को पास या फेल करना नहीं बल्कि शिक्षकों को पढ़ाने में आने वाली समस्याओं को जानकर उनके लिए प्रशिक्षण की कार्ययोजना बनाना है, वहीं इस परीक्षा में शिक्षकों को किताब साथ में रखने की छूट भी दी गई है, इसको लेकर सवाल खड़े हो रहे क्या शिक्षकों को नक़ल के लिए किताब रखने की छूट दी गई है, फिर ऐसी परीक्षा का अर्थ ही क्या है, जब वह किताब साथ रखकर परीक्षा देंगे|
दरअसल, इस बार 10वीं बोर्ड का रिजल्ट पिछले साल से लगभग 5 फीसदी कम रहा। वहीं 12वीं में मामूली सुधार नजर आया। इसको लेकर विभाग ने समीक्षा बैठक कर शिक्षकों की भी परीक्षा लेने का फैसला किया है। यह परीक्षा उन स्कूलों के शिक्षकों के लिए आयोजित होगी, जिनके स्कूल का बोर्ड परीक्षा का रिजल्ट 30 फीसदी से कम रहा है। यह परीक्षा 12 जून को होगी। इस परीक्षा के आधार पर विभाग शिक्षकों की योग्यता का आकलन करेगा। इस बार सिंगरौली, रीवा, ग्वालियर, सीधी, मुरैना, शिवपुरी, भिंड के स्कूलों का रिजल्ट अन्य जिलों की तुलना में बेहद खराब रहा। इन जिलों के स्कूलों का रिजल्ट 30 फीसदी से भी कम रहा। जिसके कारण विभाग ने सख्त रवैया अपनाते हुए शिक्षकों की ही परीक्षा लेने का फैसला लिया है, ताकि रिजल्ट के खराब होने के कारणों का पता लगाया जा सके। वहीं शिक्षकों के परीक्षा लेने के विरोध में मप्र शिक्षक कांग्रेस ने नाराजगी जताई है और इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री व प्रमुख सचिव को ज्ञापन दिया है।
इस परीक्षा में प्रदेश के 700 स्कूलों के 3500 शिक्षक शामिल होंगे। उन्हें विषयवार परीक्षा में शामिल होना होगा। इसमें विद्यार्थियों को दिए गए पिछले चार साल के प्रश्न-पत्रों में से कोई एक पेपर इन्हें हल करना होगा। मूल्यांकन के बाद शिक्षकों को ए, बी, सी, डी ग्रेड दिए जाएंगे।
लोक शिक्षण विभाग ने जारी किये निर्देश
-ऐसे शिक्षक दिन की परीक्षा आयोजित की जानी है उन्हें परीक्षा की दिनांक समय एवं स्थान की सूचना जिला शिक्षा अधिकारी जारी करेंगे
-शिक्षकों की संख्या के आधार पर जिला स्तर पर आवश्यक स्थलों का चिन्हाकन कर परीक्षा आयोजित की जाएगी, स्थल का चयन केंद्र पर संख्या निर्धारण एवं मूल्यांकन के लिए मूल्यांकन कर्ता का चयन जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे
-परीक्षा का पूर्ण नियंत्रण संभाग स्तर पर संयुक्त संचालक लोक शिक्षण करेंगे
-परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र राज्य स्तर से विमर्श पोर्टल पर जिला शिक्षा अधिकारी के लॉगइन पर दिनांक 11 जून को डाला जाएगा जो शिक्षक जिस विषय के लिए नियुक्त हैं उसी विषय की परीक्षा ली जाएगी
-जो शिक्षक परीक्षा में अनुपस्थित रहेंगे उनको कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर कार्यवाही की जाएगी और उपयुक्त कारण होने पर भी अनुपस्थित शिक्षकों की पुनः परीक्षा ली जाएगी -शिक्षक चाहे तो पाठ्य पुस्तक का उपयोग परीक्षा के दौरान कर सकेंगे, पाठ्य पुस्तक के अतिरिक्त कोई अन्य सामग्री का उपयोग नहीं कर सकेंगे
-उत्तर पुस्तिकाएं उसी दिन जांची जाएगी तथा परीक्षा परिणाम गोपनीय रखे जाएंगे