भोपाल।
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पहले प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने तबाड़तोड़ कई फैसले लिए । इसमें सबसे बड़ी राहत अध्यापकों को दी है।सरकार ने फैसला किया है कि वह अध्यापक संवर्ग को शिक्षक संवर्ग की तरह स्थानांतरण नीति का लाभ देगी। इसके लिए सरकार ने सामान्य प्रशासन की तरह स्थानांतरण नीति की लागू कर दी है ।अब अनुकंपा नीति में भी सामान्य प्रशासन का नियम लागू होगा।इस तरह अध्यापकों की कम से कम एक बड़ी मांग पूरी हुई है।
दरअसल, अध्यापक संवर्ग लंबे समय से संविलियन की मांग कर रहा था। अध्यापकों का कहना था कि उन्हें भी शिक्षक संवर्ग की तरह सरकारी नीतियों का लाभ दिया जाए।इसके लिए अध्यापकों ने शिवराज सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोला था, सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन, धरना आदि भी दिया था,जिसके शिवराज सरकार ने उन्हें आश्वासन देते हुए प्रक्रिया शुरु कर दी थी। लेकिन इसी बीच चुनाव हो गए और सत्ता परिवर्तित हो गई और मामला वही अटक गया।लेकिन नई प्रदेश सरकार ने अध्यापकों को राहत देते हुए इस फैसले पर मुहर लगा दी। आचार संहिता लगने से पहले सरकार ने घोषणा कर दी कि अध्यापक संवर्ग को भी शिक्षक वर्ग की तरह स्थानांतरण नीति का लाभ मिलेगा। अध्यापक संवर्ग के लिए सामान्य प्रशासन की तरह स्थानांतरण नीति की लागू की जाएगी। इसके अलावा सामान्य प्रशासन का ये नियम अनुकंपा नीति के मामले में भी लागू होगा।
सरकार के इस फैसले से अध्यापकों में खुशी की लहर है। हालांकि सरकार ने उनकी सभी मांगे ना मानते हुए एक मांग को पूरा किया है।सरकार की ओर से मिलने वाले इस तोहफे के साथ ही यानि संविलियन होते ही अध्यापकों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिल जाएगा। जिसके बाद इन्हें 7वां वेतनमान भी मिलेगा। इससे एक अध्यापक को हर महीने 5 से 8 हजार रुपए तक का फायदा भी होगा।