सिक्ख समाज ने की ये मांग, प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा से मिले 

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा (Protem Speaker Rameshwar Sharma) के ईदगाह हिल्स (Idgah Hills)  का नाम बदलकर गुरुनानक टेकरी (Gurunanak tekri) करने के सुझाव और मांग को अब सिख समाज का भी समर्थन मिल गया है। सिख  समाज के एक प्रतिनिधिमंडल ने रामेश्वर शर्मा से मुलाकात कर उनसे मांग की कि ईदगाह हल्स का नाम गुरुनानक देव के नाम पर होना चाहिए।

भोपाल के विभिन्न गुरुद्वारों  के गुरुद्वारा प्रबंध समिति एवंसिक्ख समाज के वरिष्ठजनो ने विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा के कार्यालय  पर बुधवार कोपहुंचकर उनसे मुलाकात की और मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि ईदगाह हिल्स का नाम गुरुनानक देव के नाम पर होना चाहिए।  सिख समाज के लोगों से मिलने के बाद रामेश्वर शर्मा ने कहा कि ये मेरे  सौभाग्य की बात है कि सिख समाज के लोगों ने ने मेरे कार्यालय पहुँच कर मुझे अपना स्नेह आशीर्वाद दिया है समाज के नागरिक बंधुओ ने ईदगाह हिल्स का नाम परिवर्तन कर नानक टेकरी रखने की माँग की है उनकी इस माँग को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुँचाकर नाम परिवर्तन के हर सम्भव प्रयास करूँगा।  शर्मा ने कहा कि  500 साल पहले टेकरी पर श्रीगुरुनानक देव जी के चरण पड़े जिसकी वजह से आज वहाँ सुख समृद्धि का वास है।   यह भोपालवासियों का सौभाग्य है कि  श्रीगुरुनानक देव यहाँ पधारे।  निश्चित रूप से सर्व समाज आगे आकर नाम परिवर्तन में अपना सहयोग प्रदान करेंगे ,
गौरतलब है कि  रामेश्वर शर्मा के इस बयान पर सियासत भी गरमा चुकी है कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस पर पलटवार भी किया है उन्होंने ट्वीट कर कहा ” हमारे सामाजिक ताने बाने को ध्वस्त कर अनावश्यक खून बहाने से बाज आइये प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा जी , भोपाल के ईदगाह का नाम बदलने की बात कहकर आप आप अब मुस्लिमों और सिखों को लड़ाना चाहते हैं।  इस घिनौनी साजिश के पहले यह भी जान लीजिये कि अमृतसर साहिब की नींव मियां मीरबांकी  ने रखी थी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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