भोपाल।
8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस है, इसके पहले मध्यप्रदेश बाल आयोग के पूर्व सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता विभांशु जोशी ने प्रदेश के मुखिया कमलनाथ को पत्र लिखा है और मांग की है कि महिला दिवस के पहले प्रदेश में महिला आयोग का गठन किया जाए ताकि हर क्षेत्र में महिलाओं को विकास के समान अवसर दिलाने, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों एवं अपराधों पर त्वरित कार्यवाही हो सके।
सामाजिक कार्यकर्ता महिला कानून विशेषज्ञ,और एमपी बाल आयोग के पूर्व सदस्य विभांशु जोशी ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र में लिखा है कि आगामी आठ मार्च को पूरी दुनिया संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा घोषित “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस” आयोजित करेगी। ऐसे में मध्यप्रदेश का महिला आयोग अध्यक्ष तथा सदस्य विहीन होगा। प्रदेश की आधी आबादी और प्रदेश के समुचित विकास के लिये महिला आयोग का न होना दुर्भाग्यपूर्ण होगा। इसलिए “मध्यप्रदेश राज्य महिला आयोग अधिनियम, 1995” की धारा 3 के तहत शीघ्र ही मध्यप्रदेश महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों की नियुक्ति की जाए। जिससे महिलाओं का विकास और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
जोशी ने लिखा मध्यप्रदेश में 19 जनवरी से प्रदेश महिला आयोग में अध्यक्ष तथा सदस्यों के सभी पद रिक्त है। ऐसे में मध्यप्रदेश की महिलाओं के अधिकारों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकेगा। महिलाओं को सशक्त बनाने और महिलाओं के हितों की देखभाल व उनका संरक्षण करने के लिये महिला आयोग का गठन किया जाता है। तथा आयोग के द्वारा महिलाओं के प्रति भेदभाव मूलक व्यवस्था, स्थिति और प्रावधानों को समाप्त करने हेतु पहल कर उनकी गरिमा व सम्मान सुनिश्चित किया जाता है। इसके साथ ही हर क्षेत्र में महिलाओं को विकास के समान अवसर दिलाने, महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों एवं अपराधों पर त्वरित कार्यवाही करने के लिए प्रदेश में राज्य महिला आयोग का गठन किया जाता है ।