भोपाल। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस में इन दिनो टिकटों को लेकर जबरदस्त मंथन चल रहा है। मध्यप्रदेश में जीत के बाद इस बार कांग्रेस ने अपना फोकस 24 सीटों पर रखा है, इसलिए ऐसे प्रत्याशियों की तलाश की जा रही है जो भाजपा के गढ़ को सीधा भेद सके। हालांकि लोकसभा क्षेत्रों में कुछ सीटें ऐसी हैं जहां पार्टी के प्रत्याशी लगभग तय माना जा रहे हैं। खबर है कि गुना के सांसद सिंधिया और रतलाम के सांसद कांतिलाल भूरिया के अलावा दूसरी सीटों से कांग्रेस अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतार सकती है, जिनमें विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों के अलावा मोदी लहर में हारे हुए नेता भी शामिल हो सकते है।वही कमलनाथ के सीएम बनने के बाद उनके बेटे नकुलनाथ की राजनीति में एंट्री को लेकर भी कयास लगना शुरु हो गए है।
खबर है कि पार्टी विधानसभा चुनाव की तरह अंतिम समय में प्रत्याशी घोषित करने की गलती न करके पहले से प्रत्याशी तय करना चाहती है और इस बार तेरे मेरे को नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं की राय और सर्वे रिपोर्ट को प्राथमिकता देते हुए ही प्रत्याशी चयन किया जाएगा ।इसलिए अनुमान लगाया जा रहा है कि पार्टी गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, सतना से अजय सिंह, खंडवा से अरुण यादव, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन, रतलाम से कांतिलाल भूरिया को चुनाव लड़वा सकती है। इस बीच यूपी के महासचिव बनाए गए सिंधिया की सीट बदलने की भी अटकले तेज है।अगर सिंधिया सीट बदलते है तो उनकी पत्नी प्रियदर्शनी को गुना से चुनाव लड़ाया जा सकता है फिर सिंधिया ग्वालियर से चुनाव लड़ सकते है। इसका पदाधिकारियों द्वारा प्रस्ताव भी रखा गया है। फिलहाल इस पर विचार किया जा रहा है। वही सतना से जहां अजय सिंह 2014 की मोदी लहर में भी मात्र 8688 वोटों से हारे थे तो वहां से उनका दावा डॉ. सिंह और तिवारी से ज्यादा भारी है। वहीं सीधी से पूर्व मंत्री स्व. इंद्रजीत पटेल के निधन के बाद उनके स्थान पर अजय सिंह भी सतना में दूसरे दावेदार के उतारे जाने पर यहां से प्रत्याशी बनाए जा सकते हैं।
इस बार अपनी सीट से बेटे को उतार सकते है कमलनाथ
इसके अलावा छिंदवाड़ा से सांसद कमलनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद इस सीट से उनके लिए विधानसभा सीट रिक्त करने वाले दीपक सक्सेना या कमलनाथ के पुत्र नकुल उम्मीदवार बनाए जा सकते हैं।अगर ऐसा होता है कि कमलनाथ दूसरी सीट से चुनाव लड़ सकते है। निमाड़ की खंडवा और खरगोन संसदीय सीटों पर भी विधानसभा चुनाव हारे प्रत्याशियों की दावेदारी की संभावना है। खंडवा से जहां 2014 में लोकसभा चुनाव हारे पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव के नाम की चर्चा है तो खरगोन से भी 2014 में लोकसभा चुनाव हारे उम्मीदवार रमेश पटेल के फिर से उतारे जाने संभावनाएं हैं। चुंकी हाल ही में विधानसभा चुनाव के दौरान बुदनी से शिवराज के खिलाफ खड़े होकर उन्होंने जबरदस्त टक्कर दी थी, हालांकि वो जीत नही पाए थे, लेकिन 60 हजार से ज्यादा वोट बटोरने में कामयाब हुए थे।
इनके नाम भी चर्चा में…
विदिशा से प्रताप भानु शर्मा, निशंक जैन, टीकमगढ़ से शशि कर्णावत, कमलेश वर्मा, सुरेंद्र चौधरी या फिर बुंदेलखंड से आने वाले एक जनसंपर्क अधिकारी को भी चुनाव लड़ाया जा सकता है जबकि दमोह लोकसभा सीट से जीवन पटेल, सुरेंद्र लोधी, मुकेश नायक, जया लोधी, राजा पटेरिया के नाम शामिल हैं। होशंगाबाद से रामेश्वर नीखरा, राजकुमार पटेल या फिर आशुतोष राणा। इसी तरह भोपाल लोकसभा सीट से अरुण श्रीवास्तव, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, रमेश सक्सेना या फिर जोधाराम गुर्जर, रीवा लोकसभा सीट से सुंदरलाल तिवारी, अभय मिश्रा, मुरैना से रामनिवास रावत, बृजराज सिंह, जिनेंद्र जैन, मनोज पाल सिंह, ग्वालियर से अशोक सिंह। इसके अलावा सागर सीट से प्रभु सिंह, अरुणोदय चौबे, सुनील जैन, नरेश जैन, अमित दुबे जैसे के नाम भी दौड़ मे शामिल हो गए है।