दो दिन के मासूम की हत्या, मिले 80 घाव, जांच में जुटी पुलिस

Gaurav Sharma
Published on -
-Government-gift

भोपाल,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आए दिन नवजात बच्चों पर हत्याचार कर उनकी हत्या के मामले सामने आ रहे हैं। मंगलवार को एक बार भी दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। शहर के जी सेक्टर अयोध्या नगर के एक धार्मिक स्थल के परिसर में अल्प सुबह दो दिन के नवजात मासूम का शव मिलने से क्षेत्र में हड़कंप मच गया था। बच्ची के शव पर कम से कम 80 घाव पाए गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेज दिया था, वहीं अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस अज्ञात आरोपियों की तलाशी में जुट गई थी। मृतक बच्ची की पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया था।

वहीं अयोध्या नगर संभाग के सीएसपी एसके दामले ने बताया कि सोमवार की सुबह लगभग 7 बजे धार्मिक स्थल पर बच्ची के शव मिलने की सूचना मिली थी। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर घटना स्थल पहुंची थी, घटना स्थल पर पहुंचकर पाया गया कि एक शॉल में एक नवजात बच्ची का शव लिपटा हुआ था, जिसको किसी ने फेक दिया था। पुलिस ने करीब से देखा तो पाया कि शव खून से लथपथ है। प्रथमदृष्टिया ऐसा लग रहा था कि किसी जानवर ने मासूम को नोंचकर खाने की कोशिश की हो। बच्ची के शव पर छाती, पीठ और शरीर के बाकी हिस्सों पर घाव पाए गए थे। नवजात के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए हमीदिया अस्पताल भेजा गया था। पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया था।

वहीं आगे उन्होंने बताया कि मासूम बच्ची के शरीर पर घाव को देखकर ऐसा लग रहा था कि किसी ने पेचकस जैसे हतियार से उसके शरीर पर घाव किए है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पाया गया कि बच्ची की मौत ज्यादा खून बहने से हुई है। बच्ची की हत्या करने वाले आरोपियों की तलाश पुलिस जोरो से कर रही है। साथ ही क्षेत्र के सभी सीसीटीवी खंगाले जा रहे है और वहा रहने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है।

 


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News