भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले राजनैतिक गलियारों में हलचल तेज हो चली है। टिकट को लेकर दावेदारों में घमासान मचा हुआ है| इसी बीच केन्द्रीय मंत्री और मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती खुद चुनावी दौड़ से बाहर हो गई है| उन्होंने एक बार फिर चुनाव ना ल़ड़ने की इच्छा जाहिर की है। उमा भारती ने इसके लिए पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र भी लिखा है। इसकी जानकारी खुद उमा भारती ने ट्वीट कर दी है। हालांकि बीते साल वह पहले ही इस बार लोकसभा चुनाव ना लड़ने का सार्वजनिक तौर पर ऐलान कर चुकी है। मध्य प्रदेश में उमा भारती की सक्रियता के बाद इस बात के कयास लगाए जाने लगे थे कि वह चुनाव लड़ सकती है| जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर स्पष्ट किया है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगी|
उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा है कि ”प्रिय मित्र, जैसा कि मैंने पूर्व में घोषित भी किया था, उसी को पुन: दोहराते हुए अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमान अमित जी को पत्र लिखकर चुनाव नहीं लड़ने का अनुरोध दोहराया है, ताकि पार्टी आधिकारिक तौर पर इसकी घोषणा कर दे।”उन्होंने आगे लिखा है कि ”मैंने पहले भी आप सब मित्रों को बताया है कि अगले डेढ़ साल तक मैं अधिकतम समय गंगा के किनारे बिताना चाहती हूं। इस अवधि के दौरान मैं भाजपा के कहे अनुसार लोकसभा चुनाव प्रचार में भाग लूंगी एवं भाजपा जो जिम्मेदारी देगी, उसे भी संभालूंगी।मैं जीवन के आखिरी सांस तक राजनीति से रिटायर नहीं होउंगी तथा मरते दम तक गरीब आदमी के अधिकारों के लिए राजनीति करती रहूंगी।”
उमा भारती 1989 में पहली बार खजुराहो सीट से लोकसभा सदस्य चुनी गईं थी। वे अटल सरकार में कैबिनेट मंत्री रही है और अब भी मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री है, उनके पास पेयजल एवं स्वच्छता की जिम्मेदारी है । मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री भी रह चुकी है। 2014 में झांसी से लोकसभा सदस्य बनीं थी। उमा भारती राम जन्मभूमि आंदोलन की प्रमुख नेता रहीं। बाबरी मस्जिद विध्वंस के दौरान भी वे अयोध्या में मौजूद थीं। मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री रहने के दौरान एक मामले में गिरफ्तारी वॉरंट निकलने पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से विवाद के बाद उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया। जून 2011 में उनकी पार्टी में वापसी हुई और अब मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री हैं।
गंगा के लिए किया था चुनाव न लड़ने का ऐलान
गौरतलब है कि बीते साल केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने ऐलान किया था कि वह अगला लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी। उन्होंने कहा था कि वह सत्ता छोड़कर अगले महीने मकर संक्रांति से डेढ़ साल के लिए देश की पवित्र नदी गंगा के किनारे करीब 2,500 किलोमीटर की पैदल यात्रा शुरू करेंगी। इसे अविरल एवं निर्मल बनाने के लिए लोगों एवं संत समाज से अपील करूंगी. अब मैं कुछ दिन हिमालय के लिए निकलूंगी और उसके बाद गंगा के प्रवास में रहूंगी। उन्होंने कहा था मैं (भाजपा के लिए) चुनाव प्रचार में भाग लूंगी। हालांकि उन्होंने कहा था कि वह सन्यास नही लेंगी, वह राजनीति मरते दम तक करेंगी। राजनीति से संन्यास नहीं, कोई संन्यास नहीं। मुझसे राजनीति कोई छुड़वा नहीं सकता। मैं भाजपा से ही राजनीति करूंगी। मगर डेढ़ साल गंगा के लिए चाहिए।