UPSC Result 2020: प्रवीण कक्कड़ बोले- नया भारत रचने में भूमिका निभाएं युवा ब्यूरोक्रेट्स

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट।  इन दिनों UPSC द्वारा जारी सिविल सर्विसेज परीक्षा, 2020 का रिजल्ट चर्चा का विषय बना हुआ है। 761 उम्मीदवारों में 545 पुरुष और 216 महिलाओं ने सफलता हासिल की है, जो अब आईएएस और आईपीएस जैसे बड़े पदों पर पहुंचेंगे। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी (OSD) रहे प्रवीण कक्कड़ (Praveen Kakkar) का बड़ा बयान आया है।उन्होंने नए युवाओं को नया भारत रचने में अहम भूमिका निभाने के लिए शुभकामनाएं दी है।आपको बता दे कि सहज, सौम्य व मिलनसार व्यक्तित्व के धनी प्रवीण कक्कड़ ब्यूरोक्रेट, केंद्रीय मंत्री व पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी रह चुके है।वे प्रख्यात समाजसेवी है।

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प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि  UPSC के रिजल्ट की इन दिनों काफी चर्चा है। बिहार के एक नौजवान ने सबसे कठिन इम्तिहान को टॉप किया है तो भोपाल की बेटी दूसरे नंबर पर रही है। हम अखबारों में देख रहे हैं कि किसने कितनी मेहनत करके यह मुकाम हासिल किया है। भारत की सिविल सर्विस, पुलिस सर्विस और दूसरी प्रतिष्ठित सेवाओं में यही नौजवान जाएंगे और देश की नीति बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। जाहिर है कि उन्हें पद मिलेगा संपन्नता और सम्मान भी मिलेगा, लेकिन यह चीजें तो और लोगों को भी मिलती हैं। इन चीजों के लिए लोक किसी का सम्मान नहीं करता। सम्मान इस बात के लिए किया जाता है कि आप अपने काम से ऐसी क्या छाप छोड़ते हैं, जिससे समाज का भला हो और समाज नई दिशा में आगे बढ़े।

प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि नौजवान अफसरों को निश्चित तौर पर यह पता होगा कि भारत के लोकतांत्रिक मूल्य, उसकी बहुलतावादी संस्कृति, उसका प्राचीन इतिहास और हजारों साल में विकसित हुई सर्वधर्म समभाव की संस्कृति भारतीयता का मूल तत्व है। किसी भी निर्दोष को जाने अनजाने किसी तरह की तकलीफ ना हो, यह भारत की कानून व्यवस्था का मूल तत्व है। देश के अंतिम आदमी यानी समाज की सबसे वंचित व्यक्ति तक विकास और तरक्की का रास्ता पहुंचाना ही भारतीय लोकतंत्र का प्रथम उद्देश्य है जो उसने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से सीखा है।

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प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि नए नौकरशाहों को इन बातों का ध्यान इसलिए भी रखना चाहिए क्योंकि ब्यूरोक्रेसी और सरकारी कर्मचारी भारत में सरकार चलाने का स्थाई माध्यम है। राजनीतिक नेतृत्व में चलने वाली सरकार हर 5 साल में बदलती है लेकिन उसका सातत्य इस अफसरशाही में ही निहित है। अफसरशाही को असल में भीष्म पितामह की परंपरा पर चलना चाहिए। अर्थात राजा भले ही बदलता जाए लेकिन अफसरशाही राज्य के प्रति उत्तरदायी हो न कि व्यक्ति के प्रति। जो भी व्यक्ति राज्य के शासन (State Government) की बागडोर संभालेगा, अफसरशाही उसके साथ मिलकर राज्य की तरक्की और उन्नति के लिए कार्य करेगी।

प्रवीण कक्कड़ ने कहा कि  यह कुछ बहुत बुनियादी बातें हैं जो इन खुशी के पलों में नौजवान अफसरों (IAS-IPS) को याद रखनी चाहिए। अभी तो आप सब का चयन हुआ है। ट्रेनिंग होगी, प्रोबेशन होगा और उसके बाद आप पूरी जिम्मेदारी से पदभार संभालेंगे। आपके परिवार की बहुत सी आशाएं आपसे लगी होगी। आपके माता पिता के सपने भी आप से जुड़े होंगे। यह आपकी जिम्मेदारी है कि उनके सपनों को साकार करें और इस तरह साकार करें कि वह भारत माता के सपनों के रास्ते में रुकावट ना बनें। परिवार समाज और राष्ट्र तीनों को एक साथ लेकर चलना ही इस समय की सबसे बड़ी चुनौती है। आशा है आप सब की चुनौती पर खरे उतरेंगे। आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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