भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव 28 नवंबर को होने हैं। चुनाव आयोग की ओर से मतदान से पहले चुनाव स्लिप वितरण का काम भी पूरा कर दिया गया है। लेकिन जो पर्चियां बांटी गईं है उनमें अभी त्रुटियां नजर आ रही हैं। कहीं मतदाता का फोटो गलत है तो कहीं पूरी जानकारी ही स्लिप पर गलत है। इससे मतदाता वोट कैसे करेंगे ये बड़ा सवाल बन गया है।
जानकारी के अनुसार राजधानी भोपाल में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता स्लिप का वितरण कर दिया गया है। आयोग ने पूर्व में दावा किया था कि मतदाता लिस्ट में सुधार करने के बाद ही अंतिम लिस्ट जारी की गई है। लेकिन आयोग के दावों की पोल अब खुलने लगी है। जो पर्चियां बांटी गई हैं उनमें अभी भी खामियां नजर आ रही हैं। इनमें से कुछ पूरी तरह फर्जी मालूम पड़ रही हैं। इमामी गेट इलाके में बीएलओ द्वारा हफ्तेभर पहले मतदाता पर्चियों का वितरण किया गया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि उनको अभी भी सही पर्ची प्राप्त नहीं हुई हैं। और मतदान में एक हफ्ता बचा है शिकायत के बाद भी कोई सुधार नहीं किया गया है।
पठार गली निवासी फिरोज खान ने बताया कि उनकी जानकारी से मिलती जुलती एक और पर्ची किसी और मतदाता की तस्वीर के साथ प्रकाशित की गई है। उनके नाम से दो पर्चियां हैं। एक उनकी सही जानकारी के साथ और दूसरी पर फोटो किसी और का है और वलदियत समेत अन्य जानकारी उनकी है। ऐसे में यह फर्जी स्लिप मालूम पड़ रही है। अब इसमें भूलचूक आयोग की ओर से ही हुई है। फिरोज की पत्नी शहनाज के साथ भी ऐसी ही समस्या है। उनकी वोटर स्लिप पर फोटो किसी अन्य महिला का लगा है। जबकि उन्होंने इसमें सुधार के लिए बीएलओ से शिकायत भी की लेकिन वह पर्ची बांट कर चले गए।
यह स्थिति उस समय सामने आई जब पूरे विधानसभा क्षेत्र के बीएलओ (ब्लॉक लेवल ऑफिसर) से मतदाता सूची चैक करवाई। मप्र निर्वाचन कार्यालय से निर्देश मिले हैं कि मतदाता सूची अपडेट रखी जाए ताकि कहीं ऐसी स्थिति न बने कि मामूली त्रुटियों के कारण लोगों को मतदान से दूर रहना पड़े।
वहीं, मध्य विधानसभा में भी ऐसे ही मामला प्रकाश में आ रहे हैं। इस्लामपुरा निवासी जमील कुरैशी के वोटर आईडी कार्ड पर महीला की फोटो लगा दी गई। उनका कहना है कि बीएलओ से लेकर कई अफसरों से शिकायत की जा चुकी है। लेकिन अभी तक इस मामले में कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। जबकि वोटिंग में चार दिन बचे हैं। ऐसे में हम वोट कैसे देंगे। प्रशासन हमारी सुनवाई नहीं कर रहे है।
अंतिम प्रकाशन से पहले कलेक्टरों से मतदाता सूची के त्रुटिरहित होने का प्रमाण पत्र लिया गया। इसके बाद भी गड़बड़ी सामने आने का सिलसिला नहीं थमा। मतदाता सूची को लेकर पिछले एक साल से प्रदेश में विवाद चला रहा है। कांग्रेस ने जब मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं के नाम होने का मुद्दा उठाया तो मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने 34 जिलों में जांच कराकर 14 लाख से ज्यादा अपात्र (अनुपस्थित, स्थानांतरित, मृत और दो जगह नाम) मतदाताओं के नाम सूची से हटाए।