Bhopal-Commission Notice : भोपाल शहर में 80 मकान और 250 रहवासियों वाली ऐसी बस्ती, जहां गैस हादसे के 18 साल बाद भी पीने का पानी भी नसीब नहीं है। यह भू-जल प्रभावित 42 मोहल्लों में शामिल बृजविहार काॅलोनी है, जहां भू-जल के उपयोग पर सुप्रीम कोर्ट की पाबंदी है। नगर निगम ने जलापूर्ति की दूसरी व्यवस्थायें तो की हैं, लेकिन 2005 से अबतक बृजविहार काॅलोनी निशातपुरा के रहवासी बोरवेल का जहरीला पानी पीने को मजबूर हैं। इसका दुष्परिणाम यह हो रहा है कि इस काॅलोनी के हर घर में कोई न कोई बीमार पडा है।
नगर निगम की लापरवाही
नगर निगम के जलकार्य विभाग के अधीक्षण यंत्री का कहना है कि दूषित पानी वाले मोहल्लों की सूची में यह काॅलोनी शामिल नहीं है, इसलिये कनेक्शन नहीं दिये गये हैं। मामले में संज्ञान लेकर मप्र मानव अधिकार आयोग ने कमिश्नर, नगर निगम, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्रवाई के संबंध में 15 दिन में जवाब मांगा है।