पीएम मोदी पर निशाना साधते-साधते ये क्या बोल गए राहुल गांधी, सीएम शिवराज ने किया पलटवार

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस के आज एक बार फिर महंगाई, जीएसटी के खिलाफ हल्ला बोला। राहुल गांधी (Rahul Gandhi), प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) ने इसे लीड किया। काले कपड़े पहने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ पूरी कांग्रेस (Congress) आज काले कपड़ों में थी।  राहुल गांधी ने भाजपा (BJP) और प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के चुनाव जीतने की तुलना हिटलर (Rahul Gandhi compares PM Narendra Modi to Hitler) से कर दी। राहुल गांधी यहाँ तक बोल गए कि मुझे पूरा ढांचा दे दो फिर मैं आपको दिखाऊंगा कि चुनाव कैसे जीता जा सकता है?

राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा ने पलटवार किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) से लेकर मध्य प्रदेश भाजपा (BJP Madhya Pradesh) ने अपने ट्विटर अकाउंट से राहुल गांधी को जवाब दिया। दरअसल प्रदर्शन के बाद जब मीडिया ने राहुल गांधी से सवाल किया कि आप बेरोजगारी और महंगाई का मुद्दा उठा रहे हैं लेकिन भाजपा कहती है कि लोकतंत्र में चुनाव सबसे अच्छा तरीका है और जनता उसे आशीर्वाद दे रही है।

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मीडिया के सवाल का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिटलर भी चुनाव जीत जाता था। उन्होंने आगे कहा कि हिटलर चुनाव ऐसे जीत जाता था कि जर्मनी के पूरे इंस्टीट्यूशन उसके हाथ में थे।  उसके पास SA थी, पैरामिलिट्री फ़ोर्स थी। उसके पास पूरा का पूरा ढांचा था।  मुझे पूरा का पूरा ढांचा दे दो फिर मैं दिखाऊंगा आपको कि चुनाव कैसे जीता जाता है।

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राहुल गांधी के बयान  के बाद सीएम शिवराज ने ट्वीट किया – अब बताओ भला, इनको कौन समझाये कि चुनाव किसी ढांचे से नहीं, परंतु सेवा, समर्पण, और सच्चाई से जनता का दिल जीतने के बाद जीते जाते हैं। भाजपा मध्य प्रदेश ने भी ट्वीट किया –  राहुल गांधी ने स्वयं ही मान लिया कि अब उनको जनता तो जितायेगी नहीं, अब उन्हें चुनाव जीतने के लिए हिटलर के हथकंडों को ही अपनाना पड़ेगा।  राहुल गांधी में अपनी दादी के सभी गुण हैं, यह दर्शाता है कि सत्ता की  खातिर ये कभी आपातकाल से नहीं चूकेंगे।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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