National Pension Scheme: मध्य प्रदेश के लाखों कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है। राज्य की मोहन यादव सरकार ने 5 लाख नेशनल पेंशन स्कीम धारक अफसरों और कर्मचारियों को बड़ी सौगात देते हुए रिटायरमेंट पर मिलने वाली सुविधाओं में वृद्धि की है। इसके तहत इक्विटी सीमा को 15% से बढ़ाकर 25-50% कर दिया गया है। साथ ही अब कर्मचारी अपने पसंद के अनुसार किसी भी पेंशन फंड मैनेजर ( 3 से 12) को चुन सकते हैं। इससे अब कर्मचारी अपने हिसाब से फंड मैनेजर का सिलेक्शन कर पेंशन के अंशदान को इसमें निवेश कर सकेंगे।इसका सीधा फायदा कर्मचारी को रिटायरमेंट पर मिलेगा।
क्या लिखा है वित्त विभाग के आदेश में
- वित्त विभाग मप्र द्वारा ने समस्त कलेक्टर, संभागीय कमिश्नर एवं विभागों के प्रमुख अधिकारियों के नाम जारी पत्र में कहा है कि शासकीय कर्मचारी NPS के तहत उनके खाते में मौजूद राशि के इन्वेस्टमेंट के लिए अपने फंड मैनेजर का चयन कर सकते हैं और अपने इन्वेस्टमेंट का विकल्प का चुनाव कर सकते हैं।
- इसके तहत पेंशन फंड मैनेजर चयन का विकल्प राज्य के कर्मचारियों को भी रहेगा। कर्मचारी पेंशन फंड रेग्युलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजरों में से किसी एक का विकल्प चुन सकेंगे। इसमें एक साल में सिर्फ एक एजेंट का ही सिलेक्शन किया जा सकेगा. कर्मचारियों को निवेश के लिए विकल्प रहेंगे।
- अब तक कर्मचारियों की पेंशन के अंशदान को सिर्फ SBI, UTI और LIC में ही निवेश का मौका था लेकिन अब इस राशि को एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी के अलावा अन्य कंपनियों में निवेश का रास्ता खुलने से कर्मचारियों को अच्छा फायदा होगा।
किस तरह मिलेगा लाभ
- PFRDA में रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजरों में से किसी एक का विकल्प कर्मचारी चुन सकते है। अभिदाता एक वित्तीय वर्ष में एक बार इस विकल्प का उपयोग कर सकेगा।विकल्प का चयन न करने की स्थिति में वर्तमान प्रचलित डिफाल्ट व्यवस्था पूर्ववत ही उपलब्ध रहेगी। इसका लाभ उन सभी को मिलेगा जो सभी अधिकारी राज्य सेवाओं में 2005 के बाद शामिल हुए और अखिल भारतीय सेवाओं में 2004 के बाद सेवा में आए हैं। NPS के तहबत कर्मचारियों के वेतन से मात्र 10% तक की राशि काटी जाएगी और सरकार का 14% तक का हिस्सा निवेश किया जाएगा।
किस तरह मिलेगा पेंशन में लाभ
- उदाहरण के तौर पर, अगर 33 साल की नौकरी और पेंशन 40000 रुपए है, तो अब पेंशन 60000 रुपए बनेगी और एक साथ 1 करोड़ रुपए की जगह 1.50 करोड़ रुपए मिलेंगे। हालांकि अगर बाजार में उतार-चढ़ाव होता है, तो इसका असर आपके पेंशन फंड पर भी पड़ेगा। पेंशन निवेश पर शेयर बाजार के जोखिम और ब्याज दरों के बदलाव का असर होगा। अगर बाजार में गिरावट आती है या ब्याज दरें बदलती हैं, तो इसका प्रभाव आपके निवेश पर पड़ सकता है।
- NPS के तहत कर्मचारियों के वेतन से मात्र 10% तक की राशि काटी जाएगी और सरकार का 14% तक का हिस्सा निवेश किया जाएगा। अगर वेतन 50 हजार रुपए है तो कर्मचारी के 5000 रुपए लिए जाएंगे और सरकार का हिस्सा उस हिसाब से 14 प्रतिशत यानी 7000 रुपए चुने गए फंड मैनेजर में निवेश किए जाएंगे. तो इसका मतलब कुल मिलाकर 12 हजार रुपए हर महीने की कटौती होगी.