बड़ा मलहरा उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह की जीत, कांग्रेस को दी 17,567 मतों से शिकस्त

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। गद्दार और बिकाऊ के नारे पर पूरे चुनाव को केन्द्रित करने वाली कांग्रेस बड़ामलहरा के चुनावी अखाड़े में चारों खाने चित्त हो गई। 3 महीने पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए और इस सीट से प्रत्याशी बने प्रद्युम्न सिंह लोधी को जनता ने सिर आंखों पर बैठा लिया। भाजपा और प्रद्युम्न सिंह लोधी के प्रति जनता के प्रेम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब वे कांग्रेस से चुनाव लड़े थे तब उन पर बिकाऊ और गद्दार होने के आरोप नहीं थे फिर भी वे 2018 में 15 हजार वोट से चुनाव जीत पाए थे। इस बार तमाम आरोपों के बाद भी उन्हें जनता ने पिछली जीत से बड़ी विजय दिलाई। उन्होंने कांग्रेस की रामसिया भारती को 17,567 मतों से करारी शिकस्त दी।

मंत्री गोपाल भार्गव को बड़ामलहरा की सीट पर चुनाव प्रभारी बनाया गया था। पूर्व मंत्री और भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री हरिशंकर खटीक इस सीट पर चुनाव प्रबंधन देख रहे थे लेकिन उमा भारती ने जब एक सप्ताह तक इस क्षेत्र में डेरा डाला तो उन्होंने यह साबित कर दिया कि बड़ामलहरा उनका गृह क्षेत्र है और लोधी समाज के 40 हजार से अधिक मतदाता एक साथ धुव्रीकृत हो गए।

बड़ामलहरा के चुनाव में शिवराज और उमा का जादू इस तरह देखने को मिला कि प्रद्युम्न सिंह लोधी मतदान के पहले कोरोना पॉजिटिव होने के बावजूद भारी मतों से चुनाव जीते। इस जीत में एक अहम किरदार बसपा के अखण्ड यादव ने भी निभाया जिन्हें 20 हजार से अधिक वोट मिले और यादव मतदाताओं का धुव्रीकरण होने से बच गया। इसी धुव्रीकरण के न होने से भाजपा की राह आसान हो गई। मतगणना शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय क्रमांक एक में बनाए गए स्ट्रांग रूम के समीप तीन कक्षों में हुई। 2 कक्षों में 7-7 टेबिल लगाई गईं और एक कक्ष में पोस्टल बैलेट की गिनती हुई। चौंकाने वाली बात ये है कि कुल 23 राउण्ड में हुई मतगणना में भाजपा हर राउण्ड में कांग्रेस से आगे रही और आखिरी राउण्ड तक 17,567 वोट के साथ चुनाव जीत गई।

जीत के बाद प्रद्युम्र बोले, हर कार्यकर्ता ने प्रत्याशी बनकर चुनाव लड़ा

शाम करीब 7 बजे तक भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह लोधी अधिकृत रूप से विजयी घोषित कर दिए गए। चुनाव जीतने के बाद उन्होंने मीडिया इंटरव्यू में कहा कि यह जीत उनकी नहीं बल्कि भाजपा के एक-एक कार्यकर्ता की जीत है। उन्होंने कहा कि वे तो चुनाव के पहले कोरोना संक्रमित हो गए थे लेकिन फिर जब उमाजी ने मोर्चा संभाला तो भाजपा के एक एक कार्यकर्ता में ऊर्जा का संचार हुआ और हर कार्यकर्ता ने खुद प्रद्युम्न सिंह लोधी बनकर चुनाव लड़ा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने नकारात्मक राजनीति करते हुए पूरे चुनाव को बिकाऊ और गद्दार पर केन्द्रित किया लेकिन जनता ने उनके छल को समझा और शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में क्षेत्र के विकास को सबसे ऊपर रखा। प्रद्युम्न सिंह लोधी ने कहा कि यह जीत 2018 में हुई जीत से भी बड़ी इसीलिए हुई क्योंकि जनता भाजपा के प्रति अपना भरोसा जाहिर कर चुकी थी।

अब इन प्राथमिकताओं काम करेंगे प्रद्युम्र

  1. बुन्देलखण्ड में पहला एग्रीकल्चर कॉलेज बड़ामलहरा में खुलवाने के प्रयास होंगे।
  2. काठन परियोजना का टेण्डर हो चुका है। क्षेत्र के किसानों को पानी मिले इस पर फोकस किया जाएगा।
  3. नए स्कूल और महाविद्यालय के स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकास के लिए एक रोडमैप बनाएंगे।
  4. मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि बक्स्वाहा की बंदर प्रोजेक्ट योजना में 75 फीसदी स्थानीय युवाओं को रोजगार देंगे। इसके अलावा भी पलायन को रोकने और रोजगार को विकसित करने के प्रयास होंगे।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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