सागर, डेस्क रिपोर्ट। भाई – बहन का रिश्ता इस जहांन में सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। प्रतिवर्ष रक्षाबंधन का त्योहार इसका प्रतिक भी है, जहां बहन जब भाई की कलाई पर रक्षा बांधती है तो भाई उसे जीवनभर रक्षा का आश्वासन देता है। भाई-बहन का प्यार दुनिया में सबसे अलग है, साथ में खेलना, शैतानिया करना, आदि। इसलिए शायद इसी प्यार के चलते एक युवक ने अपनी बहन की चिता पर लेटकर उसी के साथ दुनिया को अलविदा कह दिया।
मामला सागर के मझगुवां गांव का है, जहां जैसे ही भाई को बहन की मौत की खबर लगी वह तुरंत ही धार से 430 किलोमीटर बाइक चलाकर आया, अपनी चचेरी बहन ज्योति की चिता को प्रणाम किया और उस पर ही लेट गया। आग में झुलसने से अस्पताल ले जाते वक्त उसकी भी मौत हो गई।
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36 घंटे बाद परिजन ने रविवार सुबह बहन की चिता के पास ही उसका भी अंतिम संस्कार कर दिया।
दरअसल, हुआ यू कि 21 वर्षीय ज्योति उर्फ प्रीति गुरुवार शाम खेत पर सब्जी लेने गई थी, लेकिन बहुत समय तक वापस नहीं आई। ज्योति के बड़े भाई शेरसिंह ठाकुर ने बताया कि खेत पर सब्जियां लगी हैं। ज्योति रोज शाम को सब्जियां लेने के लिए जाती थी, लेकिन जब बहुत देर तक नहीं लौटी तो हमने सोचा किसी सहेली के घर गई होगी। जब रात 12 बजे तक वह नहीं लौटी तो गांव में उसकी तलाश शुरू की गई, लेकिन उसका कोई अता-पता नहीं लगा।
अगले दिन शुक्रवार सुबह ज्योति के पिता भोले सिंह खेत गए, जहां उन्हें शक हुआ कि कहीं उनकी लाड़ली कुएं में न गिर गई हो इसलिए पिता ने कुएं में मोटर लगाकर पानी खाली कराया। पानी खाली होते ही ज्योति का शव कुंए में दिखाई दिया, जिसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचित कर उनकी मदद से शव को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
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जब इसकी खबर ज्योति के धार में रह रहे 18 वर्षीय चचेरे भाई करण ठाकुर (18) को लगी तो वह बाइक से सागर के लिए निकल पड़ा। ज्योति के भाई शेर सिंह ने बताया कि करण शनिवार सुबह 7 से 9 बजे के बीच श्मशान पहुंचा होगा क्योंकि वह लोग अंतिम संस्कार कर वापस आ गए थे। इसके बाद ही करण बहन की जलती चिता पर लेटा होगा। ग्रामीणों ने उसे करीब 11 बजे झुलसा हुआ देखा। तब वे अस्पताल लेकर गए लेकिन रास्ते में ही करण की मौत हो गई।