ICAI Ujjain: चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) के उज्जैन ब्रांच के चेयरमैन, सीए भावेश नेरकर ने हाल ही में जानकारी दी की आईसीएआई द्वारा 2 महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है। जिसमें नए ऑडिटर्स की पहचान के लिए केंद्रीकृत एनओसी नीति का लागू करने के साथ-साथ परीक्षाओं में भी बदलाव किया जा रहा है। वहीं यह सुनिश्चित करेगा कि सीए में निर्धारित गुणवत्ता और पेशेवरता के मानकों का पालन किया जाए। नए बदलाव सीए द्वारा नामित ऑडिटर्स की पहचान को सुगम और पारदर्शी बनाने के साथ-साथ, परीक्षाओं की व्यापकता में भी वृद्धि करेगा।
दरअसल इसके लिए पहला बदलाव नए ऑडिटर्स की पहचान के लिए केंद्रीकृत एनओसी की नीति का है। जबकि नेरकर के अनुसार ऐसा कई बार होता है जब व्यक्ति द्वारा अपने व्यवसाय का ऑडिट भी किसी सीए से करवाया जाता है लेकिन उसकी फीस का भुगतान नहीं किया जाता।
वहीं इसके बाद अगले साल किसी अन्य सीए से फिर से अपना ऑडिट करवा लेता है। ऐसे में पुराने सीए की फीस डूब जाती है। जिसके चलते अब कोई भी नया ऑडिट लेने से पहले सीए को इस पोर्टल के माध्यम से पुराने सीए से नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेना ही होगा।
परीक्षाओं में बदलाव:
दरअसल सीए फाउंडेशन और इंटरमीडिएट परीक्षा को जून 2024 से साल में 3 बार आयोजित किया जाएगा। जबकि फाइनल परीक्षाओं को साल में 2 बार आयोजित किया जाएगा। जानकारी दे दें की इससे सीए सदस्यों और स्टूडेंट्स को बेहतरीन संभावनाएं मिलेंगी। नेरकर ने बताया कि इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य स्टूडेंट्स को अधिक तैयारी का अवसर प्रदान करना है। दरअसल पहले यह इंटरमीडिएट और फाइनल परीक्षा साल में 2 बार (मई एवं नवंबर) आयोजित की जाती थी।