Chhatarpur News: छतरपुर जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। जिला अस्पताल में उपचार न मिलने पर गर्भवती महिला को बस स्टैंड के टॉयलेट में बच्चे को जन्म देना पड़ा। लोगों ने कपड़े से पर्दा बनाकर महिला के प्रसव में मदद की। प्रसव के बाद एम्बुलेंस के जरिए महिला को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
ये है पूरा मामला
दरअसल, प्रसव पीड़ा से परेशान बड़ा मलहरा क्षेत्र के बोरों गाँव की निवासी 27 वर्षीय रचना आदिवासी रेफ़र होकर जिला अस्पताल आई थी। लेकिन यहाँ डॉक्टरों से उसे भर्ती करने से मना कर दिया। इलाज न मिलने पर वह गाँव वापस लौट रही थी। लेकिन अचानक दर्द बढ़ने पर बस स्टैंड के टॉयलेट में उसकी डिलीवरी करवानी पड़ी। इस दौरान लोगों ने कपड़े से पर्दा बनाकर प्रसव में सहायता की। बोरों गाँव निवासी घनीराम का कहना है कि वह छतरपुर जिला में प्रसव के लिए महिला को लेकर आए थे। लेकिन अस्पताल वालों ने उन्हें बाद में आने को कहा। कागज भी फाड़ दिए।
अस्पताल के CMHO ने कहा
प्रसव के बाद महिला को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इस मामले में सीएमएचओ लखन लाल तिवारी का कहना है कि, “अगर ऐसा हुआ है तो मैं जांच करवाता हूँ। यह बहुत गलत है कि किसी को अस्पताल में इलाज नहीं मिला और उसे भगाया गया। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”