जब सुनवाई नही हुई तो धरने पर बैठ गए कांग्रेस विधायक नीरज दीक्षित

Pooja Khodani
Published on -

छतरपुर, संजय अवस्थी। पिछले दो महीने से महाराजपुर विधानसभा क्षेत्र (Maharajpur Assembly Constituency) के अनेक गांवों में बिजली (Electricity) से जुड़ी विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए परेशान हो रहे कांग्रेस विधायक नीरज दीक्षित (Congress MLA Neeraj Dixit) को आखिरकार गुरुवार(Thursday) को धरने पर बैठना पड़ा।

विधायक ने कहा कि दो महीने में कई बार उन्होंने बिजली कंपनी को किसानों को पर्याप्त बिजली देने खराब पड़े ट्रांसफार्मर को सुधरवाने, अवैध वसूली रोकने, वोल्टेज की समस्या को खत्म करने जैसी कई शिकायतें दीं लेकिन बिजली कंपनी के अधिकारी इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।

दरअसल, गुरुवार को विधायक नीरज दीक्षित के आवास पर क्षेत्र के कई किसान और उनके समर्थक एकत्रित हो गए और फिर बिजली कंपनी के खिलाफ धरना देने के लिए पैदल मार्च करते हुए तहसील कार्यालय पहुंच गए। यहां एसडीएम विनय द्विवेदी (SDM Vinay Dwivedi) पहुंचे और उन्होंने विधायक से ज्ञापन लेने का प्रयास किया लेकिन नीरज दीक्षित ने यह कहते हुए मना कर दिया कि जब तक बिजली कर्मचारी (Employee) यहां नहीं आ जाते और लिखित आश्वासन नहीं देते तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे। लगभग डेढ़ घंटे बाद जब एसडीएम के साथ बिजली कर्मचारी आए तब विधायक ने ज्ञापन सौंपा और जल्द से जल्द समस्याओं को ठीक करने अल्टीमेटम दिया।

दो महिने से ट्रांसफार्मर खराब, अधिकारी दे रहा किसानों को गालियां

महाराजपुर क्षेत्र में विद्युत व्यवस्था बुरी तरह से लडख़ड़ा गई है। गढ़ीमलहरा क्षेत्र के ग्राम गनेशपुरा में पिछले दो महीने से तीन ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं जिससे कई घर अंधेरे में हैं तो वहीं कई किसानों (Farmers) ने अपने खेतों से कृषि बिजली के कनेक्शन से तार खींचकर वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है। इस गांव के लोग दो महीने से लगातार शिकायतें कर रहे हैं फिर भी ओआईसी औरंगजेब वेग ने इस गांव की समस्याओं का समाधान नहीं किया। पिछले दिनों ओआईसी का एक वीडिया वायरल (Video Viral) हुआ था जिसमें वह एक महिला किसान को उसके खेत पर जाकर मां-बहन की गालियां दे रहे थे। ओआईसी के कारण इस क्षेत्र में किसान और आम जनता बिजली समस्याओं से जूझ रही है। विधायक नीरज दीक्षित भी ओआईसी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करा पाए हैं।


About Author
Pooja Khodani

Pooja Khodani

खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

Other Latest News