छतरपुर, संजय अवस्थी। विगत रोज बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र के ग्राम लिधौरा में आयोजित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक चुनावी जनसभा के माध्यम से अपनी झूठी घोषणाओं के जरिये जनता को ठगने की नाकाम कोशिश की है। मुख्यमंत्री ने हितग्राही सम्मेलन के नाम पर सरकारी धन से आयोजित एक शासकीय कार्यक्रम को चुनावी कार्यक्रम में तब्दील कर शासकीय मर्यादाओं का मजाक उड़ाया है। उक्त आरोप छतरपुर कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी पज्जन भैया ने लगाए हैं। विधायक चतुर्वेदी ने मुख्यमंत्री की सभा और उनके भाषण पर कई सवाल खड़े करते हुए उक्त कार्यक्रम की वैधानिकता पर भी सवाल उठाए।
शिवराज सिंह चौहान देश में अपनी झूठी घोषणाओं के लिए विख्यात हो चुके हैं
प्रेस को जारी किए गए अपने बयान में कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूरे देश में अपनी झूठी घोषणाओं के लिए विख्यात हो चुके हैं। विगत रोज लिधौरा में आयोजित सभा के दौरान भी उनका यही रूप देखने को मिला। उन्होंने मंच से ही 400 करोड़ रूपए से अधिक की घोषणाएं कर डालीं। मुख्यमंत्री भूल गए कि प्रदेश की 27 से ज्यादा सीटों पर उपचुनाव होने हैं। अगर वे इसी हिसाब से घोषणाएं करते रहे तो इन सीटों में किए गए वादों को पूरा करने के लिए हजारों करोड़ की जरूरत सरकार को पड़ेगी। जबकि प्रदेश का खजाना खाली पड़ा है और सरकार पहले ही कर्ज में डूबी हुई है। उन्होंने चुनाव के पहले इन घोषणाओं को कोरी बयानबाजी करार देते हुए कहा कि यह भाजपा के संस्कार हो गए हैं। पहले वह विधायक खरीदती हैं और अब जनता को भी झूठी घोषणाओं के जरिये खरीदने की कोशिश की जा रही है।
एक तरफ सर्वे का आश्वासन, दूसरी तरफ किसानों की गिरफ्तारी
कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि मुख्यमंत्री की सभा के दौरान क्षेत्र के किसानों ने अपनी सूखी फसलें दिखाकर जब मुआवजा मांगा तो मुख्यमंत्री ने फसलों के सर्वे का ऐलान कर दिया। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि जिले के किसानों को कितना मुआवजा कब तक मिलेगा। इतना ही नहीं प्रदेश भर के लाखों किसान आज पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा की गई ऋण माफी के प्रमाण पत्र लिए घूम रहे हैं और भाजपा ने सरकार बनाते ही इन किसानों की कर्जमाफी स्थगित कर दी। मुख्यमंत्री की सभा के दौरान ही न्याय मांगने आए किसानों को बड़ामलहरा और भगवां थाना पुलिस के द्वारा हिरासत में लिया गया और उन्हें थानों में बंद कर देर शाम छोड़ा गया। किसानों के साथ यह दोतरफा व्यवहार भाजपा का चाल, चरित्र और चेहरा बता रहा है।
मेडिकल कॉलेज को लेकर झूठी बयानबाजी क्यों?
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छतरपुर के मेडिकल कॉलेज पर भी झूठी बयानबाजी की है। आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि छतरपुर का मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा चला गया। मुख्यमंत्री कहते हैं कि मेडिकल कॉलेज महेश्वर चला गया। मंच से मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उक्त मेडिकल कॉलेज कांग्रेस ने छीन लिया जबकि विधानसभा में सरकार ने जवाब दिया है कि उक्त मेडिकल कॉलेज के लिए कोई बजट पास नहीं किया गया है। सवाल यह है कि मुख्यमंत्री और भाजपा के दूसरे नेता छतरपुर मेडिकल कॉलेज को लेकर एक राय क्यों नहीं हैं और यदि छतरपुर में मेडिकल कॉलेज की सौगात उन्होंने दी तो फिर इसके लिए बजट जारी क्यों नहीं किया। लिधौरा की सभा में भी मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट नहीं किया कि छतरपुर के मेडिकल कॉलेज के लिए वह क्या प्रयास करेंगे। अगर उन्हें छतरपुर मेडिकल कॉलेज के लिए इतनी ही चिंता है तो कल की ही सभा में वे मेडिकल कॉलेज के लिए बजट की घोषणा क्यों नहीं कर गए? कांग्रेस विधायक आलोक चतुर्वेदी ने कहा कि झूठ और भ्रम फैलाना भाजपा नेताओं की आदत बन चुकी है लेकिन अब जनता इनके संस्कारों को समझ गई है। उन्होंने कहा कि बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र में एक-एक गांव बिकाऊ विधायक को सबक सिखाने की बात कह रहा है। उन्होंने कहा कि इस बार जनता तय करेगी कि खरीद-फरोख्त की राजनीति का क्या अंजाम होता है। उन्होंने कहा कि वे खुद बड़ामलहरा विधानसभा क्षेत्र के नियमित दौरे कर रहे हैं। पूरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने भाजपा को सबक सिखाने के लिए कमर कस ली है। सिर्फ बड़ामलहरा ही नहीं प्रदेश की सभी उपचुनाव वाली सीटों पर परिणाम वर्ष 2018 की तरह ही सामने आएंगे और प्रदेश में फिर से कांग्रेस की सरकार बनेगी।