छतरपुर : नाबालिग के साथ गैंगरेप करने वाले 5 आरोपी 24 घंटे के भीतर गिरफतार

Gaurav Sharma
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छतरपुर, संजय अवस्थी। ओरछा रोड थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक नाबालिग दलित लड़की के साथ गैंगरेप की सनसनीखेज वारदात सामने आई है। हालंाकि पुलिस की तत्परता से इस वारदात के 24 घंटे के भीतर ही पाचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपियों ने ग्राम देवपुर की एक 14 वर्षीय लड़की को मेला दिखाने के बहाने अगुवा किया था और उसके बाद ग्राम सूरजपुरा के जंगलों में उसके साथ दुष्कर्म किया था।

एसपी सचिन शर्मा को जब इस मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने डीएसपी राजेश्वरी कौरव, सीएसपी उमेश शुक्ला, ओरछा रोड थाना प्रभारी माधवी अग्रिहोत्री, कोतवाली टीआई अरविंद दांगी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया। इस टीम ने 24 घंटे के भीतर ही आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया।

ऐसे हुई थी वारदात

प्राप्त जानकारी के मुताबिक 23 अक्टूबर को थाना क्षेत्र के ग्राम देवपुर की एक 14 वर्षीय लड़की को ग्राम कुर्रा निवासी दीनदयाल कुशवाहा अपने साथ मेला दिखाने का बहाना कर ले गया था। इसके बाद दीनदयाल ने अपने चार साथियों धामची निवासी अनिल यादव, सूरजपुरा निवासी उत्तम, कल्लू यादव और सलैया निवासी दिनेश यादव को बुला लिया। इसके बाद उक्त पांचों आरोपी लड़की को सूरजपुरा के जंगल के पास एक तालाब किनारे ले गए और यहां उसके साथ बारी-बारी से दुष्कर्म किया।

इसी दौरान किसी व्यक्ति ने संदिग्ध आरोपियों के साथ लड़की को देख लिया जिसकी सूचना इस अंजान व्यक्ति द्वारा 100 डायल को दे दी गई। सूचना मिलते ही मामले की गंभीरता को भांपते हुए ओरछा रोड थाना प्रभारी माधवी अग्रिहोत्री ने पड़ताल शुरू की और पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले की जानकारी दी।

पुलिस ने कुछ ही घंटों में बताए गए स्थल से लड़की को बरामद कर लिया और फिर लड़की से काउंसिलिंग कर आरोपियों की जानकारी जुटाई। चूंकि मुख्य आरोपी दीनदयाल कुशवाहा लड़की का परिचित था इसलिए सबसे पहले पुलिस ने उसे ही हिरासत में लिया और उसी ने पूछताछ में अन्य लोगों के नाम उगल दिए। 24 घंटे के भीतर पुलिस ने सभी पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध अपहरण, दुष्कृत्य, जान से मारने की धमकी, हरिजन एक्ट और पोस्को एक्ट की गंभीर धाराओं में मुकदमा कायम कर जेल भेज दिया। इस वारदात के खुलासे में पुलिस के एक दर्जन सिपाहियों का भी अहम योगदान रहा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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